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राजस्थान के उदयपुर में है नीमच माता का मंदिर

– फतेहसागर झील से करीब साढे 3 किलोमीटर की दूरी पर देवाली पहाड़ी पर स्थित है मंदिर

नीमचJan 01, 2023 / 12:52 pm

Virendra Rathod

राजस्थान के उदयपुर में है नीमच माता का मंदिर

राजस्थान के उदयपुर में है नीमच माता का मंदिर

नीमच। मध्यप्रदेश का नीमच जिला कभी राजस्थान प्रदेश की सीमा से सटा होने के चलते आज भी लोगों में राजस्थानी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। राजस्थान में जिला उदयपुर के फतेह सागर झील से 3.7 किमी. की दूरी पर देवाली पहाड़ी के ऊपर नीमच माता मंदिर स्थित है, जो उदयपुर आने वाले पर्यटकों को काफी पसंद आता है। देवाली पहाड़ी पर स्थित नीमच माता का मंदिर उदयपुर शहर के सबसे ऊंचे पहाड़ पर स्थित है, जिसकी वजह से उदयपुर शहर के किसी भी जगह से नीमच माता के मंदिर को आसानी से देखा जा सकता है। नीमच शहर से दर्शन करने जाने वाले यहां पर नीमच माता मंदिर को देखकर नीमच जिले से जुड़ा पाते है। लेकिन इसका इतिहास कुछ अलग है।

राजस्थान के उदयपुर में है नीमच माता का मंदिर

नीमच माता मंदिर के इतिहास के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है की नीमच माता देवाली पहाड़ी पर एक नीम के पेड़ से स्वयं उत्पन्न हुई थी, जिसकी वजह से इन्हें “नीमच माता” के नाम से जाना जाता है और इनके मंदिर को “नीमच माता मंदिर” का नाम दिया गया, जहां पर ना केवल उदयपुर बल्कि देश के अन्य हिस्सों से भी श्रद्धालु हर साल नीमच माता के दर्शन करने आते हैं। नीमच माता मंदिर का निर्माण उदयपुर के शासक महाराणा रणजीत सिंह प्रथम ने करवाया था, जिसका निर्माण कार्य 1652 ई0 में शुरू हुआ था और 1680 ई0 में पूरी तरह से बन कर तैयार हो गया था। नीमच माता मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त का है, क्योंकि नीमच माता मंदिर के अहाते से डूबते सूर्य का दृश्य काफी बेहतरीन नजर आता है। साथ ही अगर आप चाहें तो सूर्यास्त के समय में डूबते सूर्य को फतेहसागर झील से भी देख सकते हैं, जहां से सूर्यास्त का काफी खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। फतेहसागर झील पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय उगते और डूबते सूर्य को देखने के लिए प्रतिदिन बहुत सारे स्थानीय लोग और पर्यटक आते हैं। अगर आप सूर्यास्त के समय नीमच माता मंदिर जाते हैं, तो नीमच माता मंदिर के अहाते से उदयपुर शहर का एक काफी बेहतरीन नजारा देखा जा सकता है। रात के समय में नीमच माता मंदिर से पूरे उदयपुर शहर में सिर्फ लाइट ही लाइट देखने को मिलती है, जो देखने में काफी अच्छा लगता है।

फतेहसागर झील से पैदल जाना पड़ेगा
नीमच माता मंदिर जाने के लिए आपको फतेहसागर झील से पैदल जाना पड़ेगा और कुछ दूर जाने के बाद आपको देवाली पहाड़ी की चढ़ाई करनी पड़ेगी, जिसकी चढ़ाई करीब 800 मीटर के आस पास है। नीमच माता मंदिर की चढ़ाई करने के लिए सीढय़िां बनाई गई है, जिसके सहारे आप फतेहपुर सागर झील जाने के बाद नीमच माता मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं। नीमच माता मंदिर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर का महाराणा प्रताप है, जो मंदिर से करीब 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से फतेहपुर सागर झील जाने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध होती है।

ट्रेन से नीमच माता मंदिर कैसे पहुंचे
नीमच माता मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन उदयपुर में है, जो मंदिर से करीब 7.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उदयपुर रेलवे स्टेशन से फतेहपुर सागर झील जाने के लिए टैक्सी की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है और वहां से आप मंदिर तक पैदल आसानी से पहुंच सकते हैं। नीमच माता मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन उदयपुर में है, जो मंदिर से करीब 7.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उदयपुर रेलवे स्टेशन से फतेहपुर सागर झील जाने के लिए टैक्सी की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है और वहां से आप मंदिर तक पैदल आसानी से पहुंच सकते हैं।

सोलंकी वंश की कुल देवी नीमच माता
उदयपुर की स्थापना के करीब १०० साल बाद फतेह सागर की झील समीप देवाल पहाड़ी पर नीमच माता मंदिर की स्थापना सोलंकी वंश द्वारा की गई थी। वहीं नीचे खींमच मातामंदिर की स्थापना की गई है। ११ वी शताब्दी में वहां स परकोटे की रक्षा के रूप में इन देवी की मूर्ति स्थापित की गई थी। आज यह पर्यटन का बड़ा केंद्र है। इस मंदिर पर जाने के लिए केबल कार चलती है।
– हिम्मत सिंह, ट्यूरिस्ट एंड गाइड ।

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