कथा में भजनों पर झूमते हुए।
नीमच. मनुष्य को सत्य और नीति सदैव आगे बढ़ाती है। और उसकी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है अनीति से कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकता है। इसलिए मनुष्य पुण्य परमार्थ के साथ पीडि़त मानवता की सेवा करें तो उसके जीवन का कल्याण हो सकता है। मोह का उत्पन्न होना आसक्ति है मोह का क्षय होना ही मोक्ष है। आत्मा अमर है मधुरवाणी इंसान की पूजा करवा सकती है तो कटु वाणी से मनुष्य की दुर्दशा हो सकती है। जो व्यक्ति नीति नियम पर चलता है उसकी उन्नति होती है अनीति पर चलने वाले का पतन हो जाता है।
यह बात पंडित गोविन्द उपाध्याय ने कही वे उषा-घनश्याम स्मिता-नीलेश एवं नीमा परिवार द्वारा इन्दिरा नगर स्थित बेरिस्टर उमाशंकर त्रिवेदी मांगलिक भवन में सोमवार दोपहर 3 से 6 बजे तक आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान गंगा के द्वितीय दिवस सोमवार को बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विकार रहित हद्रय को प्रभु संसार के भव सागर से पार करा देते हैं। अनुसूईया ने पवित्रता के साथ पातिव्रत धर्म का पालन किया तो ब्रम्हा, विष्णु, महेश को भी छोटे बच्चें बनकर पालने में झुलना पड़ा था। इसलिए महिलाएं मन वचन कर्म से पति के साथ अनकूलता में रहें तो उन्हें सुख-समृद्धि मिलेगी। भारतीय नारी के लिए पति ही परमेश्वर है। जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता रहते हैं।
उन्होंने कहा कि वैदिक
मंत्र अग्नि, ब्राम्हण देव की साक्षी में हुआ वर-वधु का विवाह सात जन्मों का साथ रहता है । यदि किसी परिवार में पहले कन्या का जन्म हो तो समझ लों अगला जन्म भगवान स्वयं अवतार लेने वाले हंै । नारी
शक्ति झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, मीरा, सीता, अनुसूईया का चरित्र पढ़े और उसे जीवन में आत्मसात करें । ध्रुव ने तपस्या भक्ति कर भगवान की गोद को प्राप्त किया । कथा के दौरान मधुर भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु झूम उठे।
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