इस विधायक को किया आचार संहिता के उल्लंघन पर गिरफ्तार
– न्यायालय से मिली जमानत- बिना अनुमति के निकाली थी रैली
MP Assembly Elections 2018 In HIndi News
नीमच. आचार संहिता के उल्लंघन का जिले में दूसरा बड़ा मामला सामने आया है जिसमें प्रकरण दर्ज हुआ है। जावद के विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सकलेचा के खिलाफ जावद पुलिस थाने पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप दर्ज किया गया है। उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से जमानत दे दी गई।
आरोप है कि २ नवंबर शाम लगभग ६ बजे जावद में भाजपा कार्यकर्ताओं की रैली निकाली गई थी। जो नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई भाजपा कार्यालय पहुंची थी। इसमें कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और रैली में भाजपा के चिन्ह आदि भी थे। इस रैली की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। एफएसटी मजिस्ट्रेट शंभू मईड़ा के आवेदन पर विधायक सकलेचा के खिलाफ लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा के आरोप में धारा १८८ के तहत प्रकरण जावद थाने पर दर्ज किया गया। मंगलवार को सकलेचा को जावद पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर नीमच न्यायालय में पेश किया गया। जहां पर न्यायाधीश ने उनके पक्ष को सुना और जमानत तो दे दी साथ में चेतावनी भी दी है कि भविष्य में वे आचार संहिता का स्वयं पालन करेंगे साथ ही कार्यकर्ताओं को भी आचार संहिता पालन करने के लिए चेताएंगे उन्हें नियंत्रित रखेंगे। जमानत के बाद सकलेचा सीधे औपचारिक तौर पर अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत करने पहुंचे।
गौरतलब है कि दो दिन पहले नीमच विधायक दिलीपसिंह परिहार के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज किया गया था। परिहार की भाजपा से उम्मीदवारी घोषित होते ही कार्यकर्ताओं ने उनके सरकारी आवास पर जाकर आतिशबाजी कर नारेबाजी की थी। यहां पर पार्टी के झंडं भी लहराए गए थे। इसके विडियो वायरल होने पर पुलिस ने विधायक परिहार सहित दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। परिहार को न्यायालय से जमानत करवानी पड़ी थी।
ग्रामीणों ने कहा अपना सिक्का खोटा, वोट फॉर नोटा-
सोमवार को गांव आकली में पहुंचे विधायक ओमप्रकाश सकलेचा का ग्रामीणों ने भारी विरोध किया। सकलेचा के मुर्दाबाद और अपना सिक्का खोटा-वोट फॉर नोटा के नारे लगाए गए। बताया गया है कि सकलेचा की कार पर प्रदर्शनकारियों ने वोट फॉर नोटा का स्टीकर भी चिपका दिया। गौरतलब है कि पिछले दिनों एट्रोसिटी एक्ट में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए बिल के बाद सामान्य वर्ग बाहुल्य गावों में जगह-जगह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान आकली गांव में भी बैनर लगा दिया गया था कि यह गांव सामान्य वर्ग का है। किसी भी पार्टी के जनप्रतिनिधि यहां आकर वोट मांगकर शर्मिंदा न करें। इस बीच सकलेचा अपने वाहन से जब सोमवार देर शाम आकली पहुंचे तो वहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। सूचना पर सरवानिया महाराज चौकी पुलिस भी मौके पर पहुंची और सकलेचा को वहां से सुरक्षित निकाला।
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