यह भी पढ़ें—एक दिन में दो-दो कथाएं कर रहे पंडित मिश्रा, जानिए अब किन शहरों में सुनाएंगे शिव महापुराण नीमच के मनासा में सोमवार को पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवपुराण कथा का पहला दिन था। सोमवार को अक्षत नगर के पीछे कथास्थल पर लाखों लोग कथा सुनने आ जुटे। पंडित मिश्रा की कथा के लिए सुबह से ही शहर भर में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा था।
निर्धारित समय पर कथास्थल पर पंडित मिश्रा आए जहां उन्होंने कथा निरस्त करने की बात बताई। उन्होंने बताया कि मेरी तबियत अच्छी नहीं है, इसलिए शिव महा पुराण कथा का निरस्त कर रहे हैं। आनेवाले कुछ कार्यक्रम भी निरस्त कर दिए हैं।
यह भी पढ़ें—Lok Sabha Election 2024 : कमलनाथ भी फंसे! वीडी शर्मा का बड़ा बयान- ईडी को मिले उनके भ्रष्टाचार के सबूत कथास्थल पर पंडित मिश्रा ने यह भी कहा कि अब मैं यहां अगले साल कथा करने आउंगा। कथा का पूरा खर्च भी विटठलेश सेवा समिति उठाएगी।
पंडित मिश्रा की मनासा में आयोजित इस कथा में शुरु से कई विघ्न आए। चुनावों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन शुरु से ही इस कार्यक्रम को आगे खिसकाना चाह रहा था। कार्यक्रम की जब आधिकारिक रूप से मंजूरी मांगी गई तो अधिकारियों ने आचार संहिता लागू होने की बात कहकर हीला—हवाली की।
यह भी पढ़ें—कथावाचक की करोड़ों की कमाई! कभी साइकिल से चलते थे पंडित मिश्रा, टीवी और यू ट्यूब से भी खूब आ रहा पैसा और तो और, बाद में व्यवस्थाएं नाकाफी होने का बहाना करके मंजूरी रद्द कर दी पर पंडित प्रदीप मिश्रा और आयोजक अड़े रहे। विधायक के माध्यम से सीएम मोहन यादव तक यह बात पहुंचाई गई तब जाकर अफसरों ने कथा की अनुमति दी। इसके बाद 31 मार्च को कलश यात्रा निकाली गई।
यह भी पढ़ें—Pandit Pradeep Mishra Katha – जहां- जहां होगी पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण, वहां बनेंगे अस्पताल आज से कथा शुरू होने थी लेकिन आखिरकार इसे निरस्त कर दिया गया। मनासा में पंडित प्रदीप मिश्रा की 1 अप्रेल से शुरु होकर 7 अप्रेल तक चलनेवाली थी। शिव महा पुराण के लिए रविवार को मंडी गेट अन्नपूर्णा मंदिर से कलश यात्रा निकाली जिसमें हजारों महिलाएं शामिल हुईं। मनासा के इतिहास में पहली बार डेढ़ किमी लंबी कलश यात्रा निकली।
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पीली साडी पहने हुए महिलाओं ने सिर पर आस्था के कलश धारण किए थे। कई महिलाएं नृत्य भी कर रही थी। बताया जा रहा है कि कलश यात्रा में 4 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुई। कलश यात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
पीली साडी पहने हुए महिलाओं ने सिर पर आस्था के कलश धारण किए थे। कई महिलाएं नृत्य भी कर रही थी। बताया जा रहा है कि कलश यात्रा में 4 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुई। कलश यात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
आर्मी से रिटायर सैनिक प्रवीण देवडा और उनके परिवार द्वारा सैनिकों की सलामती और शहीदों के मोक्ष के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा करवाई जा रही थी। यह भी पढ़ें—कथावाचक की करोड़ों की कमाई! कभी साइकिल से चलते थे पंडित मिश्रा, टीवी और यू ट्यूब से भी खूब आ रहा पैसा