मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री घनश्याम पाटीदार का निधन हो गया है। उनके निधन के बाद जावद में शोक की लहर दौड़ गई है। पाटीदार कद्दावर नेताओं में माने जाते थे। वे मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने 12 अगस्त 2002 को दिग्विजय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। बताया गया है कि उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा।
हालांकि इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और भाजपा की सरकार बन गई। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जावद से कांग्रेस ने रघुराज सिंह चौरड़िया को मैदान में उतारा था। हालांकि कांग्रेस हार गई और भाजपा के ओमप्रकाश सकलेचा फिर विधायक बनने में कामयाब हो गए।
2003 में हार गए थे चुनाव
पाटीदार 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में हार गए थे। तब मंदसौर और नीमच की सातों विधानसभा सीटों पर कमल खिला था। सभी प्रत्याशी 25 हजार से अधिक मतों के अंतर से हार गए थे। उनके साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता सुभाष सोजतिया, नरेंद्र नाहटा भी चुनाव हारे थे। यह तीनों ही दिग्विजय सरकार में मंत्री रह चुके थे।
मुख्यमंत्री कमल नाथ बताया मिलनसार थे पाटीदार
इधर, पाटीदार के निधन के खबर लगते ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता घनश्याम पाटीदार के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि पाटीदार मिलनसार और सरल स्वभाव के जन नेता थे। नाथ ने शोक संदेश में कहा कि पाटीदार ने जन-प्रतिनिधि के नाते अपने क्षेत्र और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि पाटीदार के निधन से कांग्रेस ने एक जनप्रिय नेता खो दिया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिवार को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की।