2022 में 110 तो 2023 में 10 युवा बने आतंकी
डीजीपी दिलबाग सिंह ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “कितना अच्छा होता अगर कोई भी युवा आतंकवाद का रास्ता नहीं चुनता क्योंकि इस साल आतंकवाद का रास्ता चुनने वाले 10 में से छह युवक अब तक सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए गए अभियाान में मारे गए हैं और बाकी बचे चार को भी जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस साल केवल 10 (स्थानीय) युवाओं ने आतंकवाद का रास्ता चुना, जबकि पिछले साल, 110 युवा आतंकवादी बन गए थे।”
आतंकवादियों को मारकर खुशी नहीं मिलती
सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कितना अच्छा होता अगर कोई भी युवा आतंकवाद का रास्ता नहीं चुनता क्योंकि आतंकवाद का रास्ता चुनने वाले को जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने आतंक का रास्ता अपना चुके युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़ वापस मुख्य धारा में आने की अपील की। सिंह ने कहा कि आतंकवादियों के भी परिवार होते हैं और इस तरह के लोगों को मारने से सुरक्षा बलों को भी कोई खुशी नहीं मिलती है।
उत्तरी कश्मीर में अब कोई सक्रिय आतंकवादी नहीं
पुलिस महानिदेशक ने मीडिया को बताया कि अब उत्तरी कश्मीर में डर का माहौल खत्म हो चुका है। सभी उम्र के लोग स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं। आज हम शांति और खुशी के समय में जी रहे हैं। उत्तरी कश्मीर आतंकवाद से लगभग मुक्त हो चुका है। वहां कोई सक्रिय आतंकवादी नहीं है, लेकिन कुछ आतंकवादी हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर भाग रहे हैं। उन्हें भी जल्द खत्म कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। आतंकवाद, जिसने पूरे जम्मू-कश्मीर को अपनी गिरफ्त में जकड़ लिया था आज लगभग समाप्त हो चुका है और जो भी बची-खुची जड़ें हैं उन्हें भी जल्द ही उखाड़ फेंक दिया जाएगा।