एनसीपीआई का कहना है कि यूजर्स का यूपीआइ अकाउंट क्रेडिट कार्ड का काम करेगा और हर ग्राहक को उसके सिबिल स्कोर के हिसाब से क्रेडिट लाइन मिलेगी। इस क्रेडिट का इस्तेमाल सिर्फ मर्चेंट यानी व्यापारी और दुकानदार के पास किया जा सकेगा। हालांकि इसके एवज में बैंक एक निश्चित ब्याज भी वसूलेंगे। एनसीपीआई ने इसके लिए कई कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों से बात की जो इसके लिए राजी हो गए हैं। क्रेडिट लाइन सुविधा के लिए एनसीपीआई को अब तक आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, पीएनबी, इंडियन बैंक और एक्सिस बैंक का साथ मिल चुका है।
दुकानदारों को भी फायदा
इस सुविधा का फायदा ग्राहकों के साथ दुकानदारों को भी मलेगा। अभी क्रेडिट कार्ड से 2,000 रुपए से अधिक का पेमेंट करने पर दुकानदारों को करीब 2 प्रतिशत चार्ज देना पड़ता है। यूपीआई में क्रेडिट लाइन मिलने के बाद इस तरह की फीस नहीं चुकानी होगी। हालांकि ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने पर 30 से 45 दिन तक ब्याज नहीं चुकाना पड़ता है, लेकिन यूपीआई की क्रेडिट लाइन में ग्राहकों को ब्याज देना पड़ेगा।
जितना खर्चा उतने पर ही ब्याज
यूपीआई में मिलने वाली क्रेडिट लाइन पर आपको तब तक कोई ब्याज नहीं देना होगा, जब तक कि आपने फंड का इस्तेमाल नहीं किया है। आप जितने फंड का इस्तेमाल करेंगे, सिर्फ उतनी राशि पर ही ब्याज चुकाना होगा। यह एक तरह से ओवरड्राफ्ट सुविधा की तरह काम करेगा। मान लीजिए आपको 20,000 रुपए का क्रेडिट लाइन मिला और इस्तेमाल सिर्फ 10,000 रुपए ही किया है तो सिर्फ 10,000 रुपए पर ही ब्याज देना पड़ेगा।