लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश से तगड़ा झटका लगा है। सूबे में बीजेपी को 80 में से महज 33 सीटों पर ही जीत मिल पाई है, जबकि पिछले चनाव में पार्टी को 80 में से 62 सीटें मिली थी। खुद प्रधानमंत्री मोदी भी महज 1.50 लाख वोट के अंतर से जीत पाए हैं। ऐसे में पार्टी में मंथन का दौर जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी को सूबे में मिली हार से केंद्रीय नेतृत्व नाराज है और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को दिल्ली तलब किया है।
लोकसभा चुनाव 2024 में 2019 के अपेक्षाकृत मिली छोटी जीत के बाद पार्टी ने दिल्ली में संसदीय बोर्ड की मीटिंग बुलाई है। बैठक से पहले यूपी को लेकर एक बैठक की जाएगी। इसमें उत्तर प्रदेश में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन और पार्टी को मिली करारी हार पर चर्चा करने के साथ ही जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके बाद महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल के नेताओं के साथ भी पार्टी आलाकमान बैठक करेगा।
महाराष्ट्र, बंगाल और हरियाणा भाजपा में बवाल वहीं, मंगलवार को चुनाव नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र भाजपा की बुधवार को मीटिंग हुई थी। इसमें देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफे की ही पेशकश कर दी थी। उनका कहना था कि राज्य में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इसकी मैं जिम्मेदारी लेता हूं और हाईकमान से कहूंगा कि मुझे डिप्टी सीएम के पद से मुक्त कर दिया जाए। वहीं बंगाल में शुभेंदु अधिकारी, दिलीप घोष और सुकांत मजूमदार जैसे नेताओं के बीच सिर-फुटव्वल की स्थिति बन गई है। हरियाणा में तो राव इंद्रजीत सिंह ने साफ कहा कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है। गुरुग्राम लोकसभा सीट पर बमुश्किल जीते राव ने कहा कि मेरे अपने लोग नहीं होते तो यह चुनाव मैं हार सकता था।
संसदीय दल के नेता चने जाएंगे मोदी
बता दें कि यूपी की मीटिंग के बाद भाजपा के संसदीय दल की भी बैठक होगी। इस बैठक में नरेंद्र मोदी को नेता चुना जाएगा। यहां पर भी चुनाव नतीजों पर मंथन हो सकता है। संसदीय दल की मीटिंग संसद के सेंट्रल हॉल में किया जाएगा। इस बैठक में भाजपा के सभी सांसद मौजूद रहेंगे। दरअसल भाजपा को उम्मीद से कम सीटें मिलने पर मंथन का दौर जारी है। एक तरफ दिल्ली में शीर्ष नेताओं की बैठकें चल रही हैं तो वहीं राज्यों में भी हलचल तेज है।