ध्वनि की गति से 1.4 गुना चलेगा
एक्स-59 ध्वनि की गति से 1.4 गुना तेज चलेगा। इसकी 925 मील प्रति घंटे की गति से उड़ने की उम्मीद है। अगर देखें तो मुंबई से दिल्ली की दूरी करीब 1500 km है। ऐसे में इस जेट की मदद से यह यात्रा 1 घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी। नासा ने शुक्रवार देर रात एक बयान में कहा कि इसका आकार,डिजाइन और प्रौद्योगिकियां विमान को अपेक्षाकृत शांत ध्वनि उत्पन्न करते हुए इस गति देने में सक्षम बनाएँगी।बदल देगा यात्रा के अनुभव
नासा की उप प्रशासक पाम मेलरॉय ने बताया कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। यह नासा और पूरी एक्स-59 टीम की कड़ी मेहनत का फल है। उन्होंने आगे कहा कि कुछ ही साल में हम एक महत्वाकांक्षी अवधारणा से वास्तविकता की ओर बढ़ गए हैं। नासा का एक्स-59 हमारी यात्रा करने के अनुभव को बदल देगा। इससे समय की बहुत बचत होगी।
विमान 2024 के अंत में पहली उड़ान भर सकता है। यह इसकी पहली शांत सुपरसोनिक उड़ान होगी। अभी क्वेस्ट टीम विमान को एडवर्ड्स, कैलिफ़ोर्निया में नासा के आर्मस्ट्रांग फ़्लाइट रिसर्च सेंटर में स्थानांतरित करने से पहले इसके कई और उड़ान परीक्षण करेगी।
कई देशो में प्रतिबंधित हैं ऐसी उड़ाने
नासा उड़ान परीक्षण पूरा कर लेगा, तो एजेंसी पूरे अमेरिका के कई चयनित शहरों में विमान उड़ाएगी। यह एक परीक्षण होगा जिससे लोगों के ओपिनियन का पता चल सकेगा। बता दें कि अमेरिका और कई देशों ने 50 वर्षों से ऐसी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा रखा है जो नीचे के आबादी वाले इलाकों में तेज़, चौंकाने वाली ध्वनि तरंगों के कारण होने वाली गड़बड़ी उत्पन्न करती हैं।
लॉकहीड मार्टिन स्कंक वर्क्स के उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक जॉन क्लार्क ने बताया कि दोनों टीमों में प्रतिभाशाली, समर्पित और भावुक वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उत्पादन कारीगरों ने इस विमान को विकसित करने और उत्पादन करने के लिए सहयोग किया है।
कैसी है इसकी मैन्युफैक्चरिंग
यह विमान 99.7 फीट लंबा और 29.5 फीट चौड़ा है। एक्स-59 की नोज पतली है। इसकी लंबाई का लगभग एक तिहाई है जो शॉक वेब्स को तोड़ देगी। इससे सुपरसोनिक विमान सोनिक बूम पैदा करता है। कॉकपिट विमान की लंबाई के बीच में है और इसमें आगे की ओर कोई खिड़की नहीं बनाई गई है। इंजन इसमें ऊपर की ओर है। इसे एक चिकनी निचली सतह बनाई गई है। जिसकी मदद से शॉकवेव्स को विमान के पीछे विलीन हो सके। इससे सोनिक बूम पैदा करने से रोकने में मदद मिल सकेगी।