108 गवाहों के बयान के बाद आरोपपत्र हुआ दाखिल
बता दें कि रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व चीफ बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ जो 6 मामले दर्ज हैं, उनमें से दो मामलों में धारा 354, 354A और 354D के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बाकी 4 केसों में धारा 354 और 354A लगाए गए हैं। जिन धाराओं में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज किये गए हैं आगे वो उनमें दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 5 साल तक की सजा मिल सकती है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 108 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस ने यह चार्जशीट दाखिल की है। इनमें से 15 रेफरी जिनमें से कुछ विदेशी भी है, पहलवान और कोच हैं, जिन्होंने पूर्व चीफ के खिलाफ लगाए गए आरोपों का समर्थन किया है। इस कारण यह केस मजबूत बन रहा है।
अदालत में 18 जुलाई को होगी बृजभूषण की पेशी
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 जुलाई को समन जारी किया है। 18 जुलाई को इस मामले में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है। इस दिन वह खुद अदालत में पेश होंगे। बता दें कि प्रदर्शन की शुरुआत में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने शिकायत दी थी। लेकिन बाद में एक नाबालिग पहलवान ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी। इसके चलते भाजपा सांसद को बड़ी राहत मिली है, वरना उनके खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत भी कार्रवाई हो सकती थी।
राउज एवेन्यू कोर्ट में 15 जून को पेश की थी चार्जशीट
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। आरोपियों में बृजभूषण के नाम का अलावा रेसलिंग संघ के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर का नाम भी है। चार्जशीट में पहलवानों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को मुख्य आधार माना गया है। बृजभूषण के खिलाफ जांच में दिल्ली पुलिस को 7 गवाह मिले हैं।
वहीं यौन शोषण की कथित जगह पर बृजभूषण की मौजूदगी के भी कुछ सबूत मिले हैं। तीन देशों से भी कुछ सबूत जुटाए गए हैं जहां-जहां पर टूर्नामेंट हुआ था। चार्जशीट की पहली सुनवाई पर कोर्ट ने इसे MP-MLA कोर्ट में ट्रांसफर किया था। इसके अलावा, सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आरोप पत्र की एक कॉपी शिकायतकर्ता पहलवानों को देने के आदेश दिए हैं।
चार्जशीट में क्या-क्या है?
दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़ितों का दिया गया बयान दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट करने का मुख्य वजह है। नाबालिग के बयान पर पुलिस उसे कथित अपराध के स्थान पर ले गई। उन्हें इस दौरान कोई भी सुनसान जगह नहीं मिली जहां अपराध हो सकता था।
बता दें कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में दावा किया कि आरोपी ने उसे उस कमरे में बुलाया जहां उसपर कथित तौर पर हमला किया गया। पीड़ितों द्वारा दिए गए डिजिटल साक्ष्य अपराध के कथित स्थान पर अभियुक्तों की उपस्थिति को मजबूती से साबित करते हैं।
पीड़ितों ने अपने आरोपों के समर्थन में दिल्ली पुलिस को अलग अलग जगहों की लगभग पांच तस्वीरें दी है। दो दर्जन गवाहों में से लगभग सात ने सिंह के खिलाफ पीड़ितों के आरोपों का समर्थन किया है। बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। वे सभी ट्रायल के दौरान क्रॉस एग्जामिनेशन से गुजरेंगे। दूसरे देशों के कुश्ती महासंघों से डिजिटल साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस एक और आरोप पत्र दायर करेगी।
दायर चार्जशीट में हर शिकायत का अलग से जिक्र किया गया है। छह पहलवानों ने अपनी शिकायतों में कई घटनाओं का उल्लेख किया है। प्रत्येक शिकायत के लिए गवाहों, फोटो या वीडियो की पुष्टि करने का दावा किया गया है।जिसमें से चार आरोपों में फोटो सबूत के तौर पर दिए गए हैं।
जांच में शामिल अधिकारी ने बताया कि ये तस्वीरें, मेडल अवार्ड समारोह, ग्रुप फोटो और अन्य कार्यक्रमों की हैं। कुछ तस्वीरों को पहलवानों ने दिया था जबकि अन्य तस्वीरों को जुटाने के लिए दिल्ली पुलिस ने तीन देशों का सहारा लिया, जहां पर टूर्नामेंट खेले गए थे।
अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ?
सबसे पहले 18 जनवरी को पहली बार कई पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे।फिर सरकार द्वारा एक्शन किये जाने के आश्वासन मिलने के बाद ये धरने से उठ गये, समय पर एक्शन नहीं होने पर 23 अप्रैल को पहलवानों ने दूसरी बार धरना शुरू किया। इस दौरान पहलवानों ने मौसम की मार झेली, पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई। पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
पहलवानों और गृहमंत्री अमित शाह के बीच करीब दो घंटे चली मुलाकात के बाद कहानी बदल गई और पहलवान अपनी नौकरियों पर पर लौट गए। फिर सात जून को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को मुलाकात के लिए बुलाया। खेल मंत्री से मिलने पहुंचे पहलवानों ने कहा कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। जब तक सिंह की गिरफ्तारी नहीं होगी पहलवान धरना देते रहेंगे, ऐसा उन्होंने दावा किया था।