गुजरात के नवसारी जिले के बिलिमोरा में एक घर को ध्वस्त करते समय मजदूरों के हाथ बड़ा खजाना लग गया खजाना मिलने के बाद घर को तोड़ रहे मजदूर 199 सिक्के लेकर फरार हो गए। हालांकि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया की इन सिक्कों पर किंग जॉर्ज पंचम की छवि उकेरी गई है। जिस मकान से यह खजाना निकला है वह बाजार स्ट्रीट पर स्थित एनआरआई हवाबेन बलिया का है। वह फिलहाल ब्रिटेन में रहते हैं।
पुलिसकर्मियों पर भी लगा सोने के सिक्के चुराने का आरोप
नवसारी जिले के एसपी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पांचों आरोपियों के घरों से 199 सोने के सिक्के बरामद किए गए हैं, जिनमें किंग जॉर्ज पंचम की नक्काशी है। इनमें प्रत्येक सिक्कों का वजन 8 ग्राम है और इनका बाजार मूल्य 92 लाख रुपये है। मामले की शुरुआत एक मजदूर की शिकायत पर हुई थी, और इसके बाद अलीराजपुर के सोंडबा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होने के बाद मध्य प्रदेश के चार पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार मजदूर ने दावा किया था कि पुलिसकर्मियों ने इस चोरी में शामिल होकर सोने के सिक्के लूटे थे।
मकान मालिक ने दर्ज कराई FIR
नवसारी पुलिस अधीक्षक सुशील अग्रवाल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि हवाबेन बलिया ने ठेकेदार सरफराज करादिया और मध्य प्रदेश के अलीराजपुर के रहने वाले चार मजदूरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिन्होंने घर में तोड़फोड़ की थी। चोरी हुए सोने के सिक्कों की संख्या पर कोई स्पष्टता नहीं है।
ठेकेदार समेत सभी आरोपी गिरफ्तार
एसपी ने बताया कि पांचों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 114 (अपराध होने पर मौके पर मौजूद दुष्प्रेरक) के तहत गिरफ्तार किया गया हैं। आरोपियों ने ढांचे को गिराते समय सिक्के चुराने की बात कबूल कर ली है। एक पुलिस टीम ने अलीराजपुर का दौरा किया और चार मजदूरों को गिरफ्तार किया। वलसाड के ठेकेदार को भी 26 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया है, और उसे 3 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
एमपी के पुलिसकर्मियों से भी होगी पूछताछ
एसपी सुशील अग्रवाल ने बताया कि नवसारी पुलिस अब इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए एमपी के पुलिसकर्मियों से पूछताछ करने और उनके कब्जे से सिक्के बरामद करने के लिए अदालत से अनुमति मांगेगी। बरामद सिक्के फिलहाल अदालत के पास हैं। उन्हें अदालत के फैसले के आधार पर राज्य सरकार या शिकायतकर्ता को सौंप दिया जाएगा। अब अदालत फैसला लेगी कि क्या सिक्के राष्ट्रीय संपत्ति हैं या निजी दौलत, पुलिस इस मुद्दे पर स्पष्टता के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और गुजरात सरकार को भी लिखेगी।