राष्ट्रीय

दुर्गम पहाड़, मौसम भी बेइमान…फिर भी मजबूत इरादों संग सड़क नेटवर्क कार्य ने पकड़ी रफ्तार

चीन सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी दुर्गम इलाकों में मजबूत सड़क नेटवर्क तैयार करने पर तेजी से काम शुरू किया गया है। सीमा सड़क संगठन (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन) ब्रह्मांक परियोजना के तहत अरुणाचल प्रदेश के 16 जिलों के पहाड़ी इलाकों में कई दुर्गम सड़क परियोजनाओं पर काम रहा है।

जयपुरNov 27, 2024 / 06:53 pm

Vikas Jain

विकास जैन
आलोंग। चीन सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी दुर्गम इलाकों में मजबूत सड़क नेटवर्क तैयार करने पर तेजी से काम शुरू किया गया है। सीमा सड़क संगठन (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन) ब्रह्मांक परियोजना के तहत अरुणाचल प्रदेश के 16 जिलों के पहाड़ी इलाकों में कई दुर्गम सड़क परियोजनाओं पर काम रहा है। काम की गति यही रही तो आने वाले कुछ वर्ष में ही इस प्रदेश में मजबूत सड़क नेटवर्क सामने आएगा।
संगठन के अधिकारियों के मुताबिक एक दशक के दौरान संगठन के पास सड़क नेटवर्क का बजट 3 हजार करोड़ से बढ़कर करीब 6500 करोड़ हो गया है। वर्ष 1960 में कार्य शुरू करने के बाद संगठन के अंतर्गत अब तक करीब 62 हजार किलोमीटर का रोड नेटवर्क तैयार किया गया है। इस क्षेत्र में परियोजनाओं की गति अन्य क्षेत्रों की तुलना में कुछ धीमी रहती है। इसका कारण दुर्गम पहाड़ी इलाके और मौसम अनुकूल नहीं होना है। वर्ष के कुछ महीनों में ही यहां या तो काम हो पाता है या तेज गति पकड़ता है।
यह भी पढ़ें

देश के सबसे बड़े हाइड्रो पावर प्लांट का पहला चरण मार्च 2025 में होगा शुरू, 17 राज्यों को मिलेगी बिजली

अरुणाचल प्रदेश के सियाग, ऊपरी सियाग, पश्चिम सियांग एवं शी-यामी जिले सहित असम के धेमाजी जिले में 4 सड़कों के रख-रखाव का काम किया जा रहा है। सीमा सड़क संगठन के ब्रह्मांक परियोजना सीई सुभाष चंद लुनिया ने अरुणचल प्रदेश के आलू में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि गत दो वर्ष में ब्रह्मांक परियोजना ने सियोम सेतु अलोंग-यिंगकियोंग सड़क के किमी 22.520 पर (सियोम नदी पर) 100 मीटर स्पेन आर्च पुल बनाया है। यह पुल सियोम एवं सियांग नदी के संगम के पास स्थित है। सियोम पुल का निर्माण 180 दिनों के रिकार्ड समयमें पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया।
यह भी पढ़ें

हरी-भरी वादियों के बीच खूबसूरत “मरे हुए पहाड़” , कई दशक तक पिछड़ा ही रह गया अरुणाचल प्रदेश

परियोजना के अंतर्गत एनएच-515 पर एक महत्वपूर्ण सिसरी पुल का निर्माण हुआ। इस पुल की कुल लम्बाई 200 मीटर है जोकि सिसरी नदी पर बना है। यह पुल जोनाई-पासीघाट-रानाघाट को मेबो-डांबुक-बोमजीर से जोड़ता है। इस पुल का निर्माण होने से मेबो-डांबुक-बोमजीर के निवासियों के लिए एक जीवन रेखा साबित हुई है जोकि ब्रह्मांक परियोजना के लिए एक और बड़ी उपलब्धि है। सियांग नदी के पूर्व और पश्चिम तटों को जोड़ने के लिए यिंकियोंग के पास 386 मीटर लम्बा गांधी पुल निर्माणाधीन है।

Hindi News / National News / दुर्गम पहाड़, मौसम भी बेइमान…फिर भी मजबूत इरादों संग सड़क नेटवर्क कार्य ने पकड़ी रफ्तार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.