एसबीआई का है सबसे ज्यादा बकाया
ट्रांसयूनियन सिबिल के मुताबिक विलफुल डिफॉल्टर्स पर एसबीआई का सर्वाधिक 79,271 करोड़ रुपए बकाया है। पंजाब नेशनल बैंकों को ऐसे डिफॉल्टर्स से 41,353 करोड़, यूनियन बैंक को 35,623 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा को 22,754 करोड़ और आइडीबीआइ को 24,192 करोड़ रुपए वसूल करने हैं। सभी बैंकों ने 36,150 एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) खातों से 9.26 लाख करोड़ रुपए की वसूली के लिए मामले दायर किए हैं। आरबीआई की गाइडलाइन के बाद इन खातों को विलफुल डिफॉल्ट की श्रेणी में डाल दिया जाएगा।
आरबीआई जान-बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों पर सख्ती करते हुए पिछले महीने मानदंडों में व्यापक बदलाव के प्रस्ताव का ड्राफ्ट रख चुका है। इसमें ऐसे व्यक्तियों को विलफुल डिफॉल्टर्स माना गया है जिन पर 25 लाख रुपए या उससे ज्यादा राशि बकाया है और भुगतान की क्षमता होने के बावजूद जिन्होंने भुगतान से इनकार कर दिया है। ड्राफ्ट को मौजूदा निर्देशों की समीक्षा, सुप्रीम कोर्ट और अन्य कोर्ट के विभिन्न फैसलों पर विचार करने के साथ-साथ बैंकों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के बाद पेश किया गया। ड्राफ्ट पर बैंकों और संबंधित पक्षों से 31 अक्टूबर तक सुझाव मांगे गए हैं।
कौन होते हैं विलफुल डिफॉल्टर्स?
भारत में 25 लाख रुपए या इससे ज्यादा की राशि लोन लेकर लौटाने की क्षमता होने के बावजूद नहीं लौटाने वाले को विलफुल डिफॉल्टर्स की श्रेणी में रखा जाता है। केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा जानबूझकर डिफॉल्ट के मामलों की आरबीई को रिपोर्ट करने के लिए 25 लाख रुपये तय किए गए हैं।
कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी प्रस्ताव
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों पर सख्ती करते हुए इनसे संबंधित मानदंडों में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव रखा था। केंद्रीय बैंक ने इस प्रस्ताव में उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जिनके पास 25 लाख रुपये और उससे अधिक की बकाया राशि है और भुगतान करने की क्षमता होने के बावजूद भुगतान करने से इनकार कर दिया है।
आरबीआई के ड्राफ्ट में कहा गया कि जहां भी जरूरी हो, कर्जदाता बकाया राशि की तेजी से वसूली के लिए उधार लेने वालों/ गारंटी देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा। कर्जदाता किसी खाते को एनपीए के रूप में रखे जाने के छह महीने के भीतर जान-बूझकर चूक करने वालों से संबंधित पहलुओं की समीक्षा करेगा और अंतिम फैसला करेगा।
ये भी पढ़ें: विक्रम के लैंड करते ही चांद पर उड़ी थी 2.06 टन मिट्टी, जानना चाहेंगे कि इजेक्ट हेलो क्या है?