हाल ही में मोदी 3.0 में फिर से रेल मंत्रालय का जिम्मा संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में रेलवे के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें लोगों को वेटिंग लिस्ट के झंझट से मुक्ति दिलाने के साथ ही लोगों को आरामदायक और सुरक्षित सफर उपलब्ध कराने पर लंबा प्रजेंटेशन हुआ।
ट्रेनों में भीड़ कम करने के लिए चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस साल लोगों को उनके शहरों तक पहुंचाने के लिए 19,837 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पिछले तीन महीनों के दौरान भारतीय रेल ने 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। जिसके कारण रेगुलर ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिली।
जल्द वेटिंग लिस्ट के झंझट से मिलेगी मुक्ति रेलवे बोर्ड के सदस्यों, जोन प्रमुखों और मंडल के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद रेलमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए अपनी योजना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर वेरिएंट का ट्रायल शुरू करने वाला है। वंदे स्लीपर का फाइनल काम चल रहा है। अभी चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों में सिर्फ चेयर कार होती हैं। इससे उनका इस्तेमाल कुछ ही घंटों के डे टाइम रूट तक सीमित रहता है। स्लीपर वेरिएंट लंबी यात्रा करने वाले यात्रियों को अधिक आरामदायक सफर प्रदान करेगा। इससे लोगों को वेटिंग लिस्ट से मुक्ति मिलेगी।
रेलवे के सफर को बनाए आरामदायक
अधिकारियों के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक में वैष्णव ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने कहा, ‘यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।’ उन्होंने बताया, ‘सेवाओं और समय की पाबंदी में सुधार, व्यस्त मार्गों की पहचान और भीड़भाड़ को कम करने के लिए विशेष ट्रेनों को चलाने पर फोकस किया गया।’ इसके अलावा वैष्णव ने गर्मी के मौसम में स्टेशनों पर एसी, पंखे और वाटर कूलर जैसे उपकरणों के नियमित रखरखाव को सुनिश्चित करने का आह्वान किया। एक मंडल रेल प्रबंधक ने कहा, ‘मंत्री ने जोर देकर कहा कि समय पर ट्रेन संचालन सुरक्षा और यात्री सुविधाओं के साथ होना चाहिए।’
बेवजह न हो ट्रेनों के संचालन में देरी वैष्णव ने अधिकारियों को उन विशिष्ट हिस्सों पर ट्रेनों के देरी से चलने के मूल कारणों का विश्लेषण करने का निर्देश दिया, जो समय की पाबंदी पर असर डालते हैं। अधिकारी ने कहा, ‘अनुचित ट्रेन रोको को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। समय की पाबंदी के आंकड़ों की सख्ती से निगरानी की जानी चाहिए और इसमें सुधार किया जाना चाहिए।’