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नामीबिया के चीतों के लिए मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को ही क्यों चुना गया ?

Kuno National Park: आज प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आठ चीतों को छोड़ दिया है। इस पार्क को ही इन चीतों का घर क्यों चुना गया? क्या ये यहाँ सर्वाइव कर पाएंगे? जानेंगे इस रिपोर्ट में सबकुछ…
 
 

Sep 17, 2022 / 03:05 pm

Mahima Pandey

Why is Kuno National Park chosen for African Cheetahs of Namibia?

प्रधानमंत्री मोदी ने आज अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में रिलीज कर दिया। इन चीतों को लेकर कई दिनों से चर्चा थी जो आखिरकार भारत में अपने नए घर में छोड़ दिए गए हैं। अब आपके मन में सवाल होंगे कि आखिर इन चीतों के लिए मध्य प्रदेश के इसी पार्क को क्यों चुना गया? तो इसका सबसे सरल जवाब शायद यहाँ मनुष्य की आबादी न होना भी है।

कूनो नेशनल पार्क विद्याचल पहाड़ों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344.686 वर्ग किमी में फैला हुआ है। इसका नाम चंबल नदी की एक सहायक नदी कूनो के नाम पर रखा गया है। पार्क को चीतों के लिए नए घर के रूप में चुना गया है क्योंकि मध्य प्रदेश के कूनो आसपास के क्षेत्रों में जंगल और वनस्पति का सबसे अनूठा संयोजन है।

चीतों को कहाँ रखा जाएगा इसके लिए वर्ष 20210 और 2012 के बीच मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात और यूपी में सर्वे क्या गया था। इनमें सबसे उपयुक्त जगह कूनो नेशनल पार्क को पाया गया।
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-इस पार्क के जलवायु, वनस्पति, शिकार घनत्व और प्रतिस्पर्धी शिकारियों का आंकलन किया गया और ये इन चीतों के लिए सुरक्षित और बेहतर पाया गया।

-नामीबिया की तरह ही गर्मियों में कूनो नेशनल पार्क का तापमान 35-40 डिग्री तक पहुँच जाता है। यहाँ तापमान न ज्यादा ठंडा ओगा और न जयद बारिश और न ही उमस होती है और ये चीतों के रहने के लिए उपयुक्त है।

-चीतों को ऊंची घाँस वाले मैदानो में रहना पसंद है क्योंकि ऐसी जगहों पर वो तेजी दौड़ कर शिकार आसानी से कर लेते हैं और ये घने जंगलों में ये संभव नहीं है। यहाँ पेड़ों की कुल 123 प्रजातियां, झाड़ियों की 71 प्रजातियां, पर्वतारोहियों और विदेशी प्रजातियों की 32 प्रजातियां और बांस और घास की 34 प्रजातियां पाई जाती हैं।

-इस पार्क में इंसानों की पहुँच कम है। दरअसल, पार्क के आसपास करीब 24 गाँव थे जिन्हें पहले ही पार्क से दूर विस्थापित कर दिया गया। ऐसे में अब यहाँ कोई इंसानी बस्ती नहीं है। हालांकि, चीते मनुष्यों को कम ही नुकसान पहुंचाते हैं।

-चीते अधिकतर छोटे जानवरों का शिकार करना पसंद करते हैं। सबसे अधिक शिकार ये चीतल और हिरण की प्रजाति का करना पसंद करते हैं और यहाँ इनकी संख्या काफी है। इनके अलावा चीते सांभर, नीलगाय, जंगली सुआर शाही। भालू, सियार, बिल्लियों कैसे जानवर भी हैं जिनका वो शिकार कर सकते हैं।

हालांकि, इस पार्क में तेंदुए की आबादी काफी है जो कभी कभी चीतों पर हमला भी कर देते हैं जिसका वन विभाग के अधिकारी खास ख्याल रखेंगे।
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