नरेंद्र मोदी के राजनीतिक गुरु
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। नरेंद्र मोदी बचपन से ही RSS संगठन से जुड़े हुए थे। राजनीति में सक्रियता उनकी लालकृष्ण आडवाणी से मिलने के बाद शुरू हुई थी। 25 नवंबर 1990 को लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में रथ यात्रा निकली थी। जिसे भारत में बड़ी मात्रा में समर्थन मिला था। वहीं गुजरात में रथ यात्रा के संयोजक खुद नरेंद्र मोदी थे। इस यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी लालकृष्ण आडवाणी के सारथी बने थे।
पीएम मोदी के आध्यात्मिक गुरु
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु स्वामी दयानंद गिरि थे। हालांकि साल 2015 में उनका देहांत हो गया था। माना जाता है कि स्वामी दयानंद का नरेंद्र मोदी के जीवन पर गहरा प्रभाव था। वह अपने गुरु की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। पीएम नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले भी स्वामी जी के संपर्क में थे। स्वामी दयानंद सरस्वती से उनका रिश्ता बहुत पुराना था। स्वामी दयानंद गिरि हरिद्वार के ऋषिकेष में दयानंद सरस्वती आश्रम और कोयंबटूर में अर्श विद्या गुरुकुलम के शिक्षक थे। स्वामी दयानंद गिरि शंकर परंपरा के वेदांत और संस्कृत के शिक्षक थे, जो करीब 50 सालों से देश और विदेश स्तर पर वेदांत की शिक्षा दे रहे थे। इतना ही नहीं आज की समस्याओं का समाधान वेदांत के जरिए समझाने का तरीका उन्हें औरों से अलग करता था। इसके चलते वह पारंपरिक और आधुनिक दोनों ही तरह के छात्रों तक आसानी से पहुंच बना लेते थे। सरस्वती आश्रम के पूरे भारत में 100 से ज्यादा केंद्र संचालित किए जाते हैं, जबकि ऋषिकेश, कोयंबटूर और नागपुर में कुल तीन मुख्य केंद्र हैं। वहीं अमेरिका के पेंसिलविनिया में भी आश्रम का एक केंद्र है।