ममता ने खुद दिया था धरना
बता दें कि आईपीएस राजीव कुमार मुख्यमंत्री के सबसे करीबी अधिकारी माने जाते हैं। सारदा चिटफंड मामले में राजीव कुमार का नाम आने के बाद उनके आवास पर सीबीआई की रेड के खिलाफ खुद ममता बनर्जी ने धरना दिया था। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें एडीजी सीआईडी के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया था। उनका कैरियर विवादों औऱ अनेक उपलब्धियों से भरा हुआ है। 1989 बैच के अधिकारी कुमार के पास आईआईटी रूड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री है। वह कोलकाता पुलिस के आयुक्त, संयुक्त आयुक्त (STF) और महानिदेशक (CID) जैसे प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं।
राजीव पर लग चुका है ममता बनर्जी का फोन टैप करने का आरोप
आज ममता के सबसे विश्वासपात्र अधिकारियों में शामिल राजीव कुमार पर 2009 में एसटीएफ प्रमुख के तौर पर टीएमसी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी का फोन टैप करने का आरोप लग चुका है। लेकिन साल 2011 में जब ममता बनर्जी सत्ता में आईं तो उन्होंने राजीव कुमार को एक कम महत्व वाला पद देकर उन्हें दंड दिया। जिसका अधिकारियों ने विरोध भी किया था।भाजपा ने नियुक्ती का किया विरोध
साल 2013 में, जब सारदा चिटफंड घोटाला की राजीव कुमार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व किया और सत्तारूढ़ सरकार से उनकी निकटता बढ़ी तो उनकी प्रशंसा और आलोचना दोनों हुई। अब राजीव कुमार ने ममता की पुलिस की कमान संभाल ली है। लेकिन बीजेपी ने राजीव कुमार की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए हैं।