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राष्ट्रीय

योग्यता से बड़ा पद मिला ‘सब’ गद्दार निकले, PM Modi ध्यान हटाने के मास्टर -जयराम रमेश

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha Elections 2024) से पहले कांग्रेस (Congress) में ऐसी भगदड़ मची की पूरी पार्टी ही खाली हो गई है। पार्टी के क्या चल रहा है? पलायन के बीच चुनाव की क्या तैयारी है? इन मुददों को लेकर कांग्रेस महासचिव व संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश से हमारे संवाददाता शादाब अहमद ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश….

Apr 07, 2024 / 08:20 am

Anand Mani Tripathi

कांग्रेस महासचिव व संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी ने अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री बनाया, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह जैसे नेताओं को योग्यता से हटकर पद और सम्मान दिया, लेकिन यह सब गद्दार निकले। उन्होंने कहा कि पार्टी चाहती है कि अमेठी से राहुल गांधी व रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव में उतरें। वहीं राम मंदिर को मुद्दा बनाने पर कहा कि हम राम के पुजारी है, वो राम के व्यापारी है। जयराम ने यह बातें पत्रिका से विशेष बातचीत में कही। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल: कांग्रेस से नेता जा रहे हैं, क्या वजह है कि नेताओं का भरोसा उठने का?
जवाब: यह आने-जाने का मौसम है। कई लोग आ भी रहे हैं। चुरू के सांसद समेत कई नेता हमारी पार्टी में आए हैं। कर्नाटक, तेलंगाना में एराइवल लॉन्ज भरा-पड़ा है। जहां कांग्रेस में आने के लिए लाइन लगी हुई है। पार्टी ने अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया। ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह जैसे नेताओं को योग्यता से हटकर पद दिए, सम्मान किया, लेकिन यह सब गद्दार निकले। लोग स्वार्थ के लिए जा रह हैं, उनमें संघर्ष की नहीं सत्ता की लालसा है।
सवाल: पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर राम मंदिर को काल्पनिक बताने का आरोप लगाए हैं। क्या कहेंगे?
जवाब: यह बिल्कुल गलत है। हम राम के पुजारी है, वो राम के व्यापारी है। मैं व्यक्तिगत तौर पर कह सकता हूं कि हिन्दुस्तान का शायद मैं अकेला व्यक्ति हूं, जिसके पहले नाम में भी राम है और दूसरे नाम में भी राम है। यह देखिए (कमरे में धार्मिक किताबें) कौन सी किताबें रखी है। इसका मैं दिखावा नहीं करता। पीएम महंगाई, बेरोजगारी, एमएसपी, संविधान पर हमले, चीन सीमा जैसे विवाद पर चुप्पी साधे हैं। सिर्फ जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे मुद्दे उठाते हैं। यह ध्यान हटाने के मास्टर है।
सवाल: राजस्थान में सचिन पायलट की सक्रियता पर गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि कांग्रेस में दो चीज सुधरती है तो 12 बातें बिगड़ जाती है। क्या सही है?
जवाब: कांग्रेस को निशाना बनाना आसान है, लेकिन अमित शाह को खुद की पार्टी को देखना चाहिए। जो शीशे के महलों में रहते हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए। चूरू के सांसद ने भाजपा से इस्तीफा दिया है ना! अमित शाह बताएं कर्नाटक में येड्डीयुरप्पा और ईश्वरप्पा के बीच क्या चल रहा है, गुजरात में जहां अमित शाह ‘शहंशाह’ है, वहां भाजपा के दो उम्मीदवार को अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी। केन्द्रीय राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है।

सवाल: भाजपा लगातार 400 पार का नारा दे रही है। कांग्रेस का कितनी सीटों का लक्ष्य है?
जवाब: भाजपा के इस नारे का इसका एक ही मकसद है संविधान को बदलो। प्रधानमंत्री डरे हुए हैं, खुद नहीं बोलते हैं और दूसरे नेताओं से कहलवाते हैं। अनंत हेगड़े, ज्योति मिर्धा समेत कई नेता संविधान बदलने की बात बोल चुके हैं। उन्हें संविधान के दो सिद्धांतों, पंथ निरपक्षता और सामाजिक न्याय यानी आरक्षण पर आपत्ति है। यही वजह है कि चार सौ पार का नारा दे रहे हैं। इस मनोवैज्ञानिक खेल में हमारा मनोबल नहीं गिरने वाला है। हमारा लक्ष्य इंडिया गठबंधन को स्पष्ट बहुमत लाना है। 2004 में ऐसा ही हो चुका है, जबकि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

सवाल: सबकी नजर रायबरेली और अमेठी पर है। गांधी परिवार से कोई नेता चुनाव लड़ेगा? क्या वजह है देरी की?
जवाब: इस पर मैं नहीं कह सकता हूं। ठाणे में राहुल गांधी ने इस सवाल पर कहा था कि वे पार्टी के वफादार सिपाही हैं और जो सीईसी तय करेगा, उसका पालन करेंगे। मैं यह जरूर कह सकता हूं कि संगठन व जनता चाहती है कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ें। हमारे नेता-कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं, लेकिन निर्णय उन्हें लेना है।
सवाल: राजस्थान समेत हिन्दी पट्टी के कई राज्यों में कांग्रेस पहले खाता भी नहीं खोल पाई थी। अब क्या रणनीति है?
जवाब: हमारे प्रचार का अभियान का सारा फोकस उत्तर और मध्य भारत के राज्यों पर है। खासतौर पर ‘मेरे विकास का दो हिसाब’ और ‘हाथ बदलेगा हालात’ का ज्यादा फोकस राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड जैसे राज्यों पर किया है। इन राज्यों की राजधानी से लेकर छोटे शहरों तक हमारे प्रवक्ता पहुंचकर कांग्रेस के कार्यक्रमों को बता रहे हैं।
सवाल: कांग्रेस के बैंक खातों पर इनकट टैक्स विभाग कह रहा है कि कार्रवाई नियमों के तहत हुई, फिर इतना बवाल क्यों?
जवाब: राजनीतिक दल पर कभी टैक्स नहीं लगता। भाजपा तो नहीं दे रही है। यह उत्पीडऩ की राजनीति है। जिस आधार पर हमारे पर टैक्स लगाया है, उसी आधार पर भाजपा पर 6 हजार करोड़ का टैक्स लगाना चाहिए। भाजपा की कोशिश है कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को अपंग किया जाए और उसे बहुत भारी प्रचार करने से रोका जाए। हम अखबार, टीवी, डिजिटल, रेडियो पर प्रचार तो कर रहे हैं, लेकिन ज्यादा नहीं कर पाए हैं। हमारे 300 करोड़ रुपए की चोरी की जा चुकी है। हमने सुप्रीम कोर्ट ने दरवाजा खटखटाया है। किसी भी डायरी का कागज निकाल कर केस चलाना ठीक नहीं है, वो फर्जी भी तो सकती है। यदि ऐसा है तो जैन हवाला डायरी, सहारा-बिरला डायरी क्यों नहीं लेते।

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