राष्ट्रीय

आखिर क्या है आयरन डोम, जिस पर आंख मूंद कर भरोसा करना इजराइल को पड़ा भारी, जानिए सबकुछ

 
Iron Dome: आयरन डोम प्रणाली एक जमीन से हवा में मार करने वाला कम दूरी का ‘एयर डिफेंस सिस्‍टम’ है, जिसे कम दूरी पर रॉकेट हमलों, मोर्टार, तोप के गोले और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का मुकाबला करने के लिए देश के कई हिस्सों में तैनात किया गया है।

Oct 08, 2023 / 06:13 pm

Prashant Tiwari

 

7 अक्टूबर की सुबह जब भारत के साथ ही एशिया में लोग सो कर उठे तो खबर मिली की इजराइल पर आतंकी संगठन हमास ने 5 हजार से ज्यादा रॉकेट से हमला कर दिया। हमास की तरफ से भारी संख्या में रॉकेट दागे जाने और दक्षिणी इजराइल में उग्रवादियों की घुसपैठ के बाद इजराइल ने शनिवार सुबह ‘युद्ध के लिए तैयार रहने’ को कहा। हालांकि इस दौरान सबसे ज्यादा चर्चा आयरन डोम प्रणाली’, की हो रही है, जिसे दुनिया की सबसे अच्छी वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है।

क्योंकि ये कहा जाता है कि इसके रहते किसी भी तरीके का कोई भी हवाई हमला संभव नहीं है। लेकिन इस दावे पर तब सवाल उठने लाजमी हो जाता है जब इजराइल की सुरक्षा में लगा ये सुरक्षा कवच फेल हो जाता है। लेकिन आयरन डोम प्रणाली पर सवाल उठाने से पहले आइए जान लेते है कि ये कैसे काम काम करता है और इसे बनाने में कितना खर्च आता है?

 

क्या है आयरन डोम सिस्‍टम?

आयरन डोम प्रणाली एक जमीन से हवा में मार करने वाला कम दूरी का ‘एयर डिफेंस सिस्‍टम’ है, जिसे कम दूरी पर रॉकेट हमलों, मोर्टार, तोप के गोले और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का मुकाबला करने के लिए देश के कई हिस्सों में तैनात किया गया है। यह लगभग लगभग 70 किमी तक की दुश्मनों को निशाना बना सकता है। इसमें 3 केंद्रीय घटक हैं जो मिलकर इसे पूरा करते हैं। ये घटक हैं- डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार, युद्ध प्रबंधन, हथियार नियंत्रण और 20 तामीर मिसाइलों से लैस लॉन्चर।

 what is Iron Dome on whom israel blindly trusts


2011 से इजराइल की सीमाओं की सुरक्षा कर रहा है आयरन डोम

आयरन डोम साल 2011 से इजराइल की सुरक्षा में तैनात है। 2006 में लेबनान के साथ हुए युद्ध के बाद इज़राइल ने इसे एयर डिफेंस सिस्टम के तौर पर इसे बनाया था। बता दें कि इसके एक्टिव होने के बाद जब किसी रॉकेट को इजराइल की ओर दागा जाता है, तो डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार इसका पता लगाता है और हथियार नियंत्रण प्रणाली को जानकारी भेजता है। इस स्‍तर पर दागे गए रॉकेट के प्रकार, गति और लक्ष्य का पता लगाने के लिए तेजी से जटिल गणना करता है।

यदि आने वाले रॉकेट का लक्ष्‍य कोई आबादी वाला क्षेत्र या रणनीतिक प्रतिष्ठान होता है, तो लॉन्‍चर स्‍वयं तामीर मिसाइल को फायर करता है और खतरे को बेअसर करने के लिए रॉकेट को हवा में ही नष्ट कर दिया जाता है। इसमें लगी एक बैटरी में तीन-चार लॉन्चर होते हैं और इज़राइल के पास कम से कम 10 हैं। आयरन डोम सिस्टम का निर्माता राफेल दावा करता हैं कि इस एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम की सफलता दर 90 प्रतिशत है और अब तक 2,000 से अधिक हमलों को नाकाम कर चुका है।

what is Iron Dome on whom israel blindly trusts

 

इस बार कैसे फेल हो गया आयरन डोम ?

हमास की ओर से रॉकेटों की बौछार के बाद भी आयरन डोम सिस्‍टम को अत्यधिक शक्तिशाली पाया गया। दरअसल, कई वर्षों से आतंकवादी समूह हमास आयरन डोम सिस्‍टम में कमजोरी ढूंढने की कोशिश कर रहा है। इस बार वह ऐसा करने में काफी हद तक सफल रहा है। हमास ने इस बार सिस्टम पर साल्वो रॉकेट हमले (कम समय में लॉन्च किए गए कई रॉकेट) से हमला किया है। इसकी वजह से आयरन डोम सिस्‍टम के लिए सभी लक्ष्यों को भेदना मुश्किल हो गया। इस बार सिर्फ 20 मिनट में 5,000 से ज्यादा रॉकेट लॉन्च किए गए।

हमले के वक्त कई बार हार्डवेयर अपने सॉफ्टवेयर से कनेक्ट नहीं हुए

मई में हुए हमले के बाद जांच में पता चला था कि आयरन डोम के हार्डवेयर 2011 के बाद से अपडेट नहीं हुए, जबकि सॉफ्टवेयर में बार-बार अपडेट किए गए। यरुशलम पोस्ट ने भी एक आर्टिकल में दावा किया था कि मई के हमले में आयरन डोम का इंटरसेप्शन सक्सेस रेट सिर्फ 60% था। आयरन डोम पर ब्रॉक यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल आर्मस्ट्रॉग बताते हैं कि कोई भी मिसाइल सिस्टम पूरी तरह भरोसेमंद नहीं होता। अब हमले का रूप बदल रहा है।

 what is Iron Dome on whom israel blindly trusts

 

इस सिस्टम को लगाने में खर्च कितना आता है?

इस सिस्टम के यूनिट की कीमत 50 मिलियन डॉलर (करीब 368 करोड़ रुपए) होती है। वहीं, एक इंटरसेप्टर तामिर मिसाइल की कीमत करीब 80 हजार डॉलर (59 लाख रुपए) होती है। वहीं, एक रॉकेट 1 हजार डॉलर (करीब 74 हजार रुपए) से भी कम का होता है। इस सिस्टम रॉकेट को इंटरसेप्ट करने के लिए दो तामिर मिसाइलें लगी होती हैं।

एक्सपर्ट्स इसे कम खर्चीला मानते हैं क्योंकि ये तभी चलाया जाता है जब किसी रॉकेट से इंसान की जिंदगी या किसी अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर को खतरा होता है। इस वजह से कम इंटरसेप्टर की जरूरत पड़ती है। हालांकि इजराइल में ही सरकार के आलोचकों का कहना है कि सरकार इस सिस्टम पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गई है। उसे दूसरे डिफेंस सिस्टम पर भी काम करने की जरूरत है।

ये भी पढ़ें: West Bengal: ममता बनर्जी के करीबियों पर CBI का शिकंजा, फिरहाद हकीम, मदन मित्रा के घर छापा

Hindi News / National News / आखिर क्या है आयरन डोम, जिस पर आंख मूंद कर भरोसा करना इजराइल को पड़ा भारी, जानिए सबकुछ

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.