पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा, “हम यहां ममता बनर्जी की इस्तीफे की मांग कर रहे क्योंकि उनकी आज्ञा बिना कुछ नहीं हो सकता है।” बाता दें, पार्थ चटर्जी को केद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी से ठीक पहले एजेंसी ने अर्पिता मुखर्जी ठिकानों से करीब 21 करोड़ रुपये बरामद किए थे। ED की कार्रवाई में अब तक अर्पिता के ठिकानों से करीबन 50 करोड़ रुपए बरामद किए जा चुके हैं। ईडी की छापेमारी में भारी मात्रा में सोना भी बरामद किया गया था।
इस घोटाले के खुलासे और गिरफ्तारी के बाद TMC ने पार्थ चटर्जी से दूरी बना ली। सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें कैबिनेट से निकाल दिया है और पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। TMC ने कहा है कि, जांच जारी रहने तक पार्थ चटर्जी पार्टी से निलंबित रहेंगे। वहीं, अर्पिता मुखर्जी के घरों से नकदी और किलो सोना जब्त किए जाने के कुछ दिनों बाद चटर्जी ने रविवार को दावा किया कि यह पैसा उनका नहीं है। इस साजिश के पीछे कौन है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, “जब समय आएगा, तो आपको पता चल जाएगा…पैसा मेरा नहीं है।” इसके अलावा
BJP ने रविवार को पश्चिम बंगाल के कक्षा 8 के इतिहास की किताबों से “सिंगूर आंदोलन” वाले चैप्टर को हटाने की मांग की है। BJP का कहना है कि इस चैप्टर में ‘भ्रष्ट’ नेता पार्थ चटर्जी को स्वतंत्रता सेनानी कहकर महिमामंडित किया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मध्य शिक्षा परिषद के इतिहास की किताबों के पन्नों से बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम हटाने को कहा।
हाजरा ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री जी, यह आदमी अब लाखों पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं के पैसे के गबन के आरोप में जेल में है। अब कम से कम उसका नाम कक्षा 8 के इतिहास की किताबों के पन्नों से हटा दें। नहीं तो नई पीढ़ी इस व्यक्ति को नेताजी व खुदीराम बोस के बराबर मानने लगेगी।
बता दें कि सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में हुए कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त पार्थ चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। पांच बार विधायक रह चुके चटर्जी को 2014 में उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा के प्रभारी मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने 2021 तक पोर्टफोलियो संभाला था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय स्कूल सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहा है।