18 अक्टूबर तक इन इलाकों पर असर
साथ ही, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के ऊपर एक और चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। अनुमान है कि यह 12 अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल जाएगा। यह प्रणाली भारत के पूर्वी तट के साथ आगे बढ़ सकती है और 16 अक्टूबर के आसपास आंध्र प्रदेश में एक दबाव में बदल कर दस्तक दे सकती है। इसके बाद, यह दक्षिणी प्रायद्वीप को पार कर 18 अक्टूबर तक दक्षिण कोंकण और गोवा तट पर एक कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में उभर सकती है। इन जुड़वां मौसमी प्रणालियों का प्रभाव भारत के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है। अरब सागर के ऊपर विकसित हो रहे सिस्टम के कारण केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। अगले 2-3 दिनों के दौरान कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस अवधि के दौरान गुजरात के दक्षिणी जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। हालांकि, इस सिस्टम के तट से दूर उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
कई राज्यों के लिए अलर्ट
दूसरी ओर, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में बन रहे कम दबाव वाले क्षेत्र के कारण आने वाले दिनों में तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय तमिलनाडु, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 15 अक्टूबर के आसपास बारिश की गतिविधि तेज हो सकती है। इसके बाद, 16 और 17 अक्टूबर के बीच बारिश का क्षेत्र तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण महाराष्ट्र की ओर बढ़ सकता है। हालांकि इन मौसम प्रणालियों के चक्रवातों में बदलने की संभावना कम है, हम तटीय राज्यों और इन प्रणालियों के मार्ग में आने वाले क्षेत्रों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह करते हैं। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रखेंगे और आवश्यकतानुसार अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।