राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को नई दिल्ली रवाना होने से पहले सिलीगुड़ी में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “जो कोई भी मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाएगा, उसे परिणाम भुगतने होंगे। वह मेरी संवैधानिक सहयोगी हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन मेरे आत्मसम्मान पर सवाल उठाया गया है, इसलिए मैंने मानहानि का मुकदमा दायर किया है।”
हालांकि, उन्होंने पत्रकारों के साथ अपनी पूरी बातचीत में एक बार भी मुख्यमंत्री या ममता बनर्जी शब्द नहीं बोला। इस बीच, कलकत्ता हाईकोर्ट के अंदरूनी सूत्रों ने भी मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने की पुष्टि की है। जस्टिस कृष्ण राव की खंडपीठ में बुधवार को इस मामले की सुनवाई होने की उम्मीद है। इससे पहले 28 जून को राज्यपाल दफ्तर ने एक कड़े शब्दों वाला बयान जारी कर मुख्यमंत्री की कुछ टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाएं राजभवन जाने से डरती हैं।
मुख्यमंत्री ने 27 जून को यह टिप्पणी पार्टी के दो नवनिर्वाचित विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर असमंजस की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए की थी। उन्होंने राजभवन जाकर शपथ समारोह में शामिल होने के राज्यपाल के निमंत्रण को स्वीकार न करने के उनके फैसले का समर्थन किया था। मुख्यमंत्री ने 28 जून को कहा था कि दो नवनिर्वाचित विधायक राजभवन क्यों जाएंगे? वैसे भी, राजभवन में जो कुछ हुआ है, उसके बाद महिलाएं वहां जाने से डर रही हैं। मुझे शिकायतें मिली हैं।