रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उड़ान परीक्षण के दौरान परीक्षण लक्ष्यों को 100 फीसदी प्राप्त कर लिया गया। संपूर्ण नेटवर्क-केंद्रित युद्ध अस्त्र प्रणाली की पुष्टि हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण ने एक बार फिर भारत की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया है।
रक्षा मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति् में कहा है कि ‘‘डीआरडीओ ने 24 जुलाई को बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। शत्रु मिसाइल को दोपहर चार बजकर 20 मिनट पर एक दुश्मन बैलिस्टिक मिसाइल के प्रारूप को प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद तैनात हथियार प्रणाली रडारों से पता लगा ‘इंटरसेप्टर’ प्रणाली सक्रिय कर दी गई।
इसके दूसरे चरण में दूसरे चरण में एडी एंडो-एटमॉस्फेरिक मिसाइल को अपराह्न चार बजकर 24 मिनट पर चांदीपुर स्थित आईटीआर के एलसी-3 से दागा गया। परीक्षण ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया। इससे लंबी दूरी के सेंसर, कम विलंबता संचार प्रणाली और उन्नत इंटरसेप्टर मिसाइलों से युक्त पूर्ण नेटवर्क केंद्रित युद्ध अस्त्र प्रणाली की पुष्टि हो गई।
रक्षा मंत्रालयय ने बताया है कि एडी अंतः-वायुमंडलीय मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित दो चरणीय ठोस ईंधन प्रणोदित एवं जमीन से दागी जाने वाली मिसाइल सिस्टम है। इस मिसाइल सिस्टम का उद्देश्य निम्न बाह्य-वायुमंडलीय क्षेत्रों की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के कई प्रकार के बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को निष्प्रभावी करना है।