22 जून के विरोध प्रदर्शन के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने पथ निर्माण विभाग द्वारा सभी पुल का सर्वे कराया था। यह पुल गरौली से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ग्रामीणों का कहना है कि बीते दिन हुई भारी बारिश के चलते पानी का स्तर बढ़ गया और बहाव तेज होने से पुल धंस गया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने नहर की सफाई कराई थी। इस दौरान बिना मानक का ध्यान रखे नहर के किनारे जेसीबी से मिट्टी की कटाई की गई थी। जिसके चलते पिलर के किनारे से भी मिट्टी हटाई गई।
इस पुल के गिर जाने से लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों का महाराजगंज मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद भी प्रशासन ने इस पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया।