VHP के बंगाल मंडल के वरिष्ठ प्रवक्ता, सौरीश मुखर्जी ने कहा कि वे रामनवमी को भव्य तरीके से नहीं मना सकते थे क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कोविड की स्थिति के कारण शुरू हुआ था, इसलिए उन्होंने 2022 में सभी भव्य जाने की योजना बनाई है।
तो वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रामनवमी रैलियों के आयोजन के विहिप के प्रस्ताव पर नाराजगी जताई और दावा किया कि उनका उद्देश्य ‘धर्म को राजनीति के साथ मिलाना’ है। TMC के प्रवक्ता सुखेंदु शेखर राय ने कहा, “VHP जो कर रही है, वह नया काम नहीं है। राम नवमी रैलियां पश्चिम बंगाल में पहले भी आयोजित की गई है।”
दूसरी तरफ, VHP के अनुसार, वे पुलिस की अनुमति नहीं मांगेंगे। लेकिन इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन और पुलिस थानों को दी जाएगी। सवाल उठता है कि अगर पुलिस ने अनुमति नहीं दी तो VHP क्या करेगी?
आपको बता दें, रामनवमी की शोभायात्रा में परंपरा के अनुसार आयुध पूजा या अस्त्र-शास्त्रों की पूजा का भी वुधान है। ऐसे में बंगाल में हिंसा की हालिया घटनाओं को देखते हुए प्रशासन के सहयोग पर जोर दिया जा रहै है।
मुखर्जी ने कहा, कि पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि रामनवमी के दौरान VHP के किसी भी कार्यक्रम में उपद्रवी बाधा न बनें। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले समय में VHP की रैली को लेकर राज्य सरकार की कैसी प्रतिक्रिया होती है।