दो बड़े शहरों के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाई जाएगी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये ट्रेनें बहुत लोकप्रिय हो गई हैं, इसलिए अब 50 और एसी ट्रेनों को चलाने का फैसला लिया गया है। वंदे भारत ट्रेनों की संख्या भी तेजी से बढ़ाई जा रही है, जिससे देश के लगभग सभी राज्यों को कवर किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब वंदे भारत की शुरुआत की तो उनका स्पष्ट मत था कि नॉर्थ से साउथ और ईस्ट से वेस्ट तक हर प्रदेश में इन्हें चलाना है। इसीलिए कश्मीर से असम और केरल से गुजरात तक सभी राज्यों में ये ट्रेनें चल रही हैं। हमारी योजना है कि 150 किलोमीटर तक के दायरे में पड़ने वाले दो बड़े शहरों के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाई जाए। इनकी टेस्टिंग हो चुकी है और ये ट्रेनें कपूरथला से निकल चुकी हैं। विकसित देशों में ऐसी ट्रेनों का काफी प्रचलन है।
Vande Bharat Sleeper Train पर भी काम चल रहा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि लंबी दूरी के सफर के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भी डिजाइन की गई है। पहली ट्रेन का निर्माण हो चुका है और उसकी टेस्टिंग का काम चल रहा है। इन ट्रेनों के शुरू होने से आम लोगों का सफर बहुत आरामदायक होगा और 140 करोड़ देशवासियों को राहत मिलेगी। भारत में साल भर में 700 करोड़ लोग यात्रा करते हैं, ऐसे में इन ट्रेनों का आरामदायक सफर एक बड़ा बदलाव लाएगा। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैसेंजर सेफ्टी एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। इसके लिए हमने ‘कवच’ नामक सुरक्षा व्यवस्था लॉन्च की है, और अब इसके विस्तार पर हमारा ध्यान केंद्रित है।
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अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन यानी सिग्नल छूटने पर भी किसी रेल के सामने आने पर गाड़ियों के रुकने की व्यवस्था दुनिया में 1970 के दशक में ही शुरू हो गयी थी। लेकिन Congress अपने 50 साल के शासन में इस पर काम नहीं कर सकी। 2014 के बाद से ही इस पर काम शुरू हुआ, जो मोदी सरकार का कार्यकाल था। उन्होंने कहा कि कवच को 2019 में इंटरनेशनल मान्यता मिली थी। इसके बाद देश में इस पर काम शुरू हुआ है और पहले राउंड में 3000 किलोमीटर नेटवर्ट को चिन्हित किया गया।