वंदे भारत एक्सप्रेस एक हाई स्पीड ट्रेन है। यह देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है, जिसकी अधिकतम स्पीड 160 किमी/घंटा है। यह ट्रेन पूरी तरह स्वदेश है। भारत में डिजाइन और मैन्युफैक्चर की गई है। इसमें 80 फीसद उत्पाद स्वदेशी हैं। ये ट्रेनें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इनमें जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर और हर कोच में चार आपातकालीन पुश बटन हैं।
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देश में चल रही है इन रूटों पर 17 वंदे भारत ट्रेनें
वर्तमान में देश में 17 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं. जिन रूटों पर यह ट्रेन दौड़ रही है उनमें नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा, गांधीनगर-मुंबई, नई दिल्ली-अंब अदौरा, चेन्नई-मैसूर, नागपुर-बिलासपुर, हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मुंबई-सोलापुर , मुंबई-शिरडी, दिल्ली-भोपाल सिकंदराबाद-तिरुपति, चेन्नई-कोयंबटूर और दिल्ली-अजमेर, तिरुवनंतपुरम-कासरगोड, हावड़ा-पुरी शामिल हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का पुराना नाम क्या था?
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन जब शुरू की गई थी तब इस ट्रेन का नाम T-18 रखा गया। मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई T-18 का नाम जल्द ही बदल वंदे भारत एक्सप्रेस कर दिया गया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल बताते हैं कि, आम जनता की तरफ से इस ट्रेन के कई नाम सुझाए गए थे। हमने इसका नाम वंदे भारत एक्सप्रेस रखने का फैसला किया गया।
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वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को बनाने में कुल 110 से 120 करोड़ रुपए लागत आती है। वंदे भारत कुल 16 कोच होते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई के महाप्रबंधक एके अग्रवाल ने बताते हैं कि 16 कोच वाले इंजनलेस सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन को बनाने में करीब 120 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।
24 डिब्बे वाली सामान्य ट्रेन की लागत आती हैं औसतन 66 करोड़ रुपए
भारतीय रेलवे की एक सामान्य ट्रेन में 24 डिब्बे होते हैं। एक ट्रेन को तैयार करने में करीब 66 करोड़ रुपए का खर्च आता है। सामान्य ट्रेन के इंजन को बनाने में औसतन 18 करोड़ रुपए खर्च होते हैं, जबकि एक डिब्बे का खर्चा करीब 2 करोड़ रुपए आता है। तो कुल मिला लें तो 24 डिब्बों के ट्रेन को बनाने में औसतन 66 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ता है।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन कमाई क्या है?
देश में 17वी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को आज चलाया जाएगा। इनमें किराया जगह की दूरी के हिसाब से तय किया जाता है। इस वजह से प्रत्येक रूट पर चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की कमाई अलग-अलग होती है। जैसे दिल्ली से बनारस के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन हर महीने लगभग 7 करोड़ रुपए की कमाई कर लेती है। तो मुंबई से सोलापुर के रूट पर चलने वाले वंदे भारत एक्सप्रेस हर महीने 8 करोड़ रुपए कमाती है, जबकि मुंबई से साईनगर शिर्डी के रूट पर यह ट्रेन हर महीने 8.6 करोड़ रुपए की जबरदस्त कमाई करती है।
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1- वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन।
2- ट्रेन में 16 वातानुकूलित चेयर कार कोच हैं। इकॉनमी-एग्जीक्यूटिव क्लास का विकल्प।
3- सेमी-हाई स्पीड ट्रेन में भोजन टिकट की कीमत में ही शामिल।
4- वंदे भारत एक्सप्रेस में ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा।
5- ट्रेन में जीपीएस आधारित उन्नत यात्री सूचना प्रणाली।
6- वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 180 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ने में सक्षम। पर वर्तमान ट्रैक 130 किमी प्रति घंटे से अधिक गति में सहायक नहीं।
7- जैव-वैक्यूम शौचालय। भारतीय और पश्चिमी शैली के वाशरूम का उपयोग।
8- ट्रेन के सभी 16 डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे, रुकने पर ही खुलते हैं आटोमेटिक दरवाजे।
9- ट्रेन में विकलांगों के लिए अनुकूल स्थान उपलब्ध।
10- ट्रेन का डिजाइन अद्भुत,ड्राइवर के केबिन की झलक देख सकते हैं यात्री।
11- ट्रेन के कोच में टच कंट्रोल के साथ रीडिंग लाइट।