मौतों पर खेद सरकार करा रही जांच – लीगल हेड हसन हैरिस मैरियन बायोटेक फार्मा कंपनी के लीगल हेड हसन हैरिस ने कहा कि, मौतों पर हमें खेद है। सरकार जांच करा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक हम कार्रवाई करेंगे। नमूने एकत्र किए गए। उस उत्पाद का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है और अन्य प्रक्रियाएं चल रही हैं।
नमूने परीक्षण के लिए चंडीगढ़ भेजे गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहाकि, यूपी ड्रग कंट्रोल और CDSCO टीम द्वारा नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक का औचक निरीक्षण किया गया। आगे की कार्रवाई चल रही है। विनिर्माण परिसर से कफ सिरप के नमूने लिए गए और परीक्षण के लिए क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चंडीगढ़ भेजे गए हैं।
उज्बेकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि, फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक निर्मित Dok-1 Max सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है। सूत्रों के अनुसार, इस कंपनी निर्मित Dok-1 Max सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है। मैरियन बायोटेक दवा कंपनी ने वर्ष 2012 में उज्बेकिस्तान के बाजार में कदम रखा था।
भारतीय दूतावास ने जानकारी मांगी – अरिंदम बागची उज्बेकिस्तान में कथिततौर पर मैरियन बायोटेक फार्मा कंपनी की सिरप से 18 बच्चों की मृत्यु पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहाकि, हमने इस मामले में मीडिया रिपोर्ट देखी है। उज्बेकिस्तान की एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं लेकिन वहां हमारे दूतावास ने उनसे इस मामले में जानकारी मांगी है। अरिंदम बागची ने आगे कहाकि, वहां मौजूद कंपनी के प्रतिनिधियों के ख़िलाफ़ उज्बेकिस्तान द्वारा न्यायिक जांच शुरू की गई है। इस मामले में हम जरूरी न्यायिक साहायता दे रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी की है और नोएडा में उनके प्लांट की जांच की जा रही है।