सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने 28 जून के फैसले, जिसमें यात्रा पर रोक लगाई गई थी, उसे हटा दिया। कोर्ट ने सरकार को कोविड नियमों का पालन करते हुए प्रतिबंध के साथ चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश दे दिए हैं।
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लंबे इंतजार के बाद आखिरकार चारधाम यात्रा को कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बद्रीनाथ धाम में 1200 भक्त या यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के जाने की इजाजत दी है।
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार चारधाम यात्रा को कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बद्रीनाथ धाम में 1200 भक्त या यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के जाने की इजाजत दी है।
इसके अलावा कोर्ट ने हर भक्त यात्री की कोविड निगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाने को भी कहा है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को कहा है।
इसके अलावा भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे। चारधाम की यात्रा पर लगी रोक हटने से तीर्थ पुरोहितों ने खुशी जाहिर की है। यह भी पढ़ेंः Delhi: राजधानी में 16 सितंबर से सार्वजनिक मेलों, प्रदर्शनियों को मिली मंजूरी, DDMA ने जारी किया आदेश कारोबारियों को लाखों का नुकसान
चार धाम यात्रा बंद रहने के कारण कारोबारियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है। पुरोहितों ने कहा था कि चारधाम यात्रा से लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा है।
यात्रा शुरू ना होने से यात्रा मार्गों के लाखों लोग परेशान हैं, उनके पास रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। पुरोहितों ने सरकार से मांग की थी कि हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी कर चारधाम यात्रा शुरू की जाए।
चार धाम यात्रा बंद रहने के कारण कारोबारियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है। पुरोहितों ने कहा था कि चारधाम यात्रा से लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा है।
यात्रा शुरू ना होने से यात्रा मार्गों के लाखों लोग परेशान हैं, उनके पास रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। पुरोहितों ने सरकार से मांग की थी कि हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी कर चारधाम यात्रा शुरू की जाए।