मुस्लिम समाज में हलाला को भी बैन कर दिया गया। लिव इन रिलेशनशिप के लिए माता-पिता की स्वीकृति आवश्यक होगी। रजिस्ट्रार के सामने रिलेशनशिप की घोषणा आवश्यक होगी। इस दौरान अगर कोई बच्चा पैदा होता है तो वह संपत्ति में बराबर का हिस्सेदार होगा। अगर दोनों से कोई संबंध को तोडऩा चाहेगा तो इसकी जानकारी देनी होगी। रिलेशनशिप तोडऩे पर महिला गुजारा भत्ते की मांग कर सकेगी। अगर कोई बिना सूचना लिव इन में एक माह से अधिक का समय व्यतीत कर लेता है तो उस पर 10 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।
बहुविवाह पर रोक, शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी
-2 साल 6 माह की तैयारी के बाद लागू
-72 बैठकें विचार-विमर्श के लिए हुईं
-43 हितधारकों के साथ चर्चा
-49 लाख एसएमएस मिले
-29 लाख वॉट्सएप मैसेज
-2.23 लाख लोगों ने सुझाव दिए
-1.20 लाख सुझाव पत्रों से संपत्ति में माता-पिता, पत्नी और बच्चों को समान अधिकार
अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो पत्नी के साथ माता-पिता एवं बच्चों को भी संपत्ति में समान अधिकार रहेगा। व्यक्ति चाहे तो पहले से अपनी संपत्ति की वसीयत कर सकता है।
अनुसूचित जनजातियां व ट्रांसजेंडर दायरे से बाहर
यूसीसी प्रदेश में रहने वाले प्रत्येक धर्म के लोगों पर लागू होगी। संविधान के अनुच्छेद-342 में वर्णित अनुसूचित जनजातियों को यूसीसी से बाहर रखा गया है। ट्रांसजेंडर समुदाय को भी इससे बाहर रखा गया है।