उत्तराखंड में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव टल सकते हैं। दरअसल चुनाव को स्थगित करने को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को एक नोटिस भेजा गया है। इस याचिका में कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट को देखते हुए चुनावों को स्थगित करने की मांग की गई है।
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3 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश वकील को याचिका पर निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया। यही नहीं इस मामले में अब अगली सुनवाई तीन जनवरी 2022 को होगी।
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रैलियों की तस्वीरों का हवाला
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले राजनीतिक दलों की रैलियां शुरू हो गई हैं। यही नहीं कोर्ट ने आशंका जाहिर की है कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2022 में होने की उम्मीद है। ऐसे में याचिका में भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस की ओर से आयोजित रैलियों की तस्वीरें पेश की गई हैं। इसमें सामाजिक दूरियों के मानदंडों या कोविड के उचित व्यवहार का पालन किए बिना भारी भीड़ दिखाई दे रही है।
इसके अलावा कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है। इसमें आवेदन किया गया है कि नया ओमिक्रॉन वेरिएंट कोविड के किसी भी अन्य संस्करण की तुलना में 300 फीसदी से अधिक तेजी से फैल रहा है। ऐसे में लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं से बचा जाए। हालांकि इसमें वर्चुअल रैलियों के विकल्प पर विचार के लिए कहा गया है।
रैलियों की तस्वीरों का हवाला
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले राजनीतिक दलों की रैलियां शुरू हो गई हैं। यही नहीं कोर्ट ने आशंका जाहिर की है कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2022 में होने की उम्मीद है। ऐसे में याचिका में भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस की ओर से आयोजित रैलियों की तस्वीरें पेश की गई हैं। इसमें सामाजिक दूरियों के मानदंडों या कोविड के उचित व्यवहार का पालन किए बिना भारी भीड़ दिखाई दे रही है।
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