बोर्ड से मंजूरी मिल जाने के बाद अब पूर्वोत्तर के इन स्टेशनों का कायाकल्प बदल जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पहल के बाद इसकी शुरूआत हो चुकी है। छपरा एवं गोंडा स्टेशनों के लिये कंसलटेन्ट नियुक्त किये जा चुके हैं। गोरखपुर रेलवे स्टेशन के लिए कंसलटेन्ट नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
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वहीं गोमती नगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तेजी से चल रहा है। विकसित हो जाने के बाद स्टेशनों का रूपरेखा बदल जाएगी। रेस्टोरेंट, मेडिकल और शॉपिंग के अलावा स्टेशन से ही सिटी बस, मेट्रो और ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। स्टेशन पर ही बच्चों के खेलने के लिए जगह और स्थानीय उत्पाद की सुविधा दी जाएगी। इस समय भारतीय रेलवे में 199 रेलवे स्टेशनों के पुनर्निर्माण पर कार्य चल रहा है। इनमें से 47 स्टेशनों के पुनर्निर्माण से संबंधित कार्यों के लिए टेंडर निकल चुके हैं। 32 स्टेशनों पर कार्य तेजी से शुरू हो गया है। अन्य स्टेशनों की मास्टर प्लानिंग एवं डिजाइन का कार्य किया जा रहा है। प्रथम चरण में तीन बड़े स्टेशन नई दिल्ली, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और अहमदाबाद के लिए कैबिनेट ने 10 हजार करोड़ का निवेश स्वीकृत किया है।
गोरखपुर स्टेशनों को ऐसे विकसित की जाएगा। जैसे ही रेलवे स्टेशन के अंदर प्रवेश करेंगे तो आपको वहां पर गोरखपुर का अहसास होगा । रेलवे स्टेशनों की दीवारों पर कलाकारी और चित्रकारी से धार्मिक स्थलों को दर्शाया जाएगा ।
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रेलवे स्टेशनों पर ये सुविधाएं मिलेंगीरेलवे स्टेशनों पर एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ हाईटेक बिल्डिंग, अच्छी डिजाइन, पर्याप्त पार्किंग सुविधा जहां से आरामदायक यातायात सुलभ हो, मल्टीमाडल इन्टेग्रेशन, दिव्यांगों के लिए सुविधा, साइनेजेज, लिफ्ट, एस्केलेटर, ट्रेवेलेटर, ग्रीन बिल्डिंग के तहत सोलर एनर्जी, वाटर कन्जरवेशन एवं री-साईकिलिंग और पेड़ों से आच्छादित प्लेटफार्मों का पुनर्विकास किया जाएगा।