Union Budget 2025 : स्वास्थ्य क्षेत्र पर वित्तीय सहायता की आवश्यकता
भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को हर साल बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और इस बजट 2025 में इसे मजबूती देने के लिए बड़े कदम उठाए जाने की उम्मीद है। इसके लिए केवल मौद्रिक आवंटन ही पर्याप्त नहीं हो सकते। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को बजट के माध्यम से अधिक सक्रिय हस्तक्षेप करना होगा, ताकि भारत की ‘मिसिंग मिडल क्लास’ को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।Union Budget 2025 : मिसिंग मिडल क्लास को स्वास्थ्य सुरक्षा
भारत में करीब 350 मिलियन लोग स्वास्थ्य बीमा कवरेज से बाहर हैं, जो देश की एक बड़ी चिंता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ग को बजट के जरिए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपायों के तहत लाया जा सकता है।शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच अंतर
भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बड़ा अंतर है। जबकि शहरी क्षेत्रों में सरकारी और निजी अस्पतालों का बुनियादी ढांचा बेहतर हुआ है, वहीं ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं अब भी बेहद कमजोर हैं। बजट 2025 में इस मुद्दे को प्राथमिकता देना आवश्यक होगा ताकि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा सके।स्वास्थ्य बीमा और TAX छूट की आवश्यकता
राज्य बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सेवा क्षेत्र में जीएसटी और टैक्स छूट दिए जाने की आवश्यकता है। ऐसा करने से ज्यादा लोग स्वास्थ्य बीमा की ओर आकर्षित होंगे और इस क्षेत्र की पैठ बढ़ेगी। इसके साथ ही जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर अलग से TAX छूट देने का सुझाव भी दिया गया है, जिससे लोग स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए प्रेरित हो सकेंगे।चिकित्सा उपकरणों पर GST दर में सुधार
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी दरों को सरल बनाकर 5% से 12% के बीच किया जाए, जिससे निर्माता और वितरक दोनों को राहत मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और लागत कम होगी।स्वास्थ्य बजट को GDP के 5% तक बढ़ाने की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य बजट को GDP के 5% तक बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि बढ़ती आबादी और बुजुर्गों की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा किया जा सके। सार्वजनिक चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने के लिए 3% का आवंटन बेहद जरूरी है, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में।Watch Video : Union Budget 2025: मिडिल क्लास को मिलेगी राहत!
“मेड इन इंडिया” को बढ़ावा देना
भारत के मेड-टेक क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए नीति में सुधार की आवश्यकता है। इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और “मेड इन इंडिया” के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन बजट 2025 में उपर्युक्त प्रस्तावों को लागू करके इस क्षेत्र को एक स्थिर और मजबूत दिशा में बढ़ाया जा सकता है। टैक्स छूट, ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार, और बीमा कवरेज जैसे उपायों से भारत में एक समावेशी और सशक्त स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण संभव हो सकता है।