1. स्वतंत्र भारत का पहला बजट वित्तमंत्री आर. के. षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। गणतंत्र भारत का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया। स्वतंत्र भारत के पहले बजट में बजट का राजस्व 171.15 करोड़ रुपये लक्षित किया गया था और व्यय 197.29 करोड़ रुपये था।
2. आर्थिक मामलों के विभाग की वेबसाइट dea.gov.in पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, स्वतंत्र भारत का पहला बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के साढ़े सात महीने की अवधि का था।
3. आर.के. चेट्टी ने 1948-49 के बजट में पहली बार अंतरिम शब्द का प्रयोग किया गया था। इसके बाद से ही छोटी अवधि के बजट के लिए ‘अंतरिम’ शब्द का प्रयोग शुरू हुआ।
4. देश में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाले वित्त वर्ष की शुरुआत साल 1867 में की गई। इससे पहले तक 1 मई से 30 अप्रैल तक वित्त वर्ष माना जाता था।
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5. देश की पहली महिला वित्त मंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने साल 1970 में आम बजट पेश किया। उस समय इंदिरा देश की प्रधानमंत्री थीं। वित्त मंत्रालय का प्रभार भी उनके पास ही था।
6. साल 1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में पेश किया जाता था। 1955-56 से बजट डॉक्युमेंट का प्रकाशन अंग्रेजी और हिन्दी दोनों में किया जाने लगा।
7. पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार केंद्रीय बजट पेश किए थे। पी. चिंदबरम ने 8 बार बजट पेश किया था। पूर्व वित्त मंत्रियों यशवंतराव चव्हाण, सीडी देशमुख और प्रणब मुखर्जी ने 7-7 बार बजट पेश किया था।
8. साल 2016 तक फरवरी के आखिरी दिन को बजट पेश किया जाता था। साल 2017 से यह परंपरा बदल गई जब तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया था।
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9. पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था। साल 2017 में इसे केंद्रीय बजट में शामिल कर दिया गया। इससे 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हो गई।
10. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022 में ओमीक्रॉन वैरिएंट को देखते हुए हलवा सेरेमनी की 70 साल पुरानी परंपरा की जगह मिठाइयों का वितरण करवाया।