सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी कहीं अधिक है. मार्च महीने में शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 8.28 प्रतिशत थी, जो की अप्रैल में बढ़कर 9.22 प्रतिशत हो गई है. जबकि ग्रामीण इलाकों में मार्च में बेरोजगारी दर 7.29 प्रतिशत था. जिसमें अप्रैल में आंशिक गिरावट आई है. अप्रैल में ग्रामीण इलाकों का बेरोजगारी दर 7.18 प्रतिशत रिकॉर्ड किया गया.
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यदि राज्यवार बेरोजगारी दर की चर्चा करें तो सबसे खराब हालत हरियाणा की है. 34.5 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है. दूसरे स्थान पर राजस्थान है. 28.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ राजस्थान दूसरे स्थान, 21.1 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ बिहार तीसरे स्थान है. 15.6 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ जम्मू कश्मीर चौथे तो 15.5 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ गोवा पांचवें स्थान पर है.
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रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी दर बढ़ने के पीछे घरेलू मांग का कम होना और महंगाई के कारण अर्थव्यवस्था मं रिकवरी की दर बेहद कम शामिल है. आंकड़ों के अनुसार यूपी में मासिक आधार पर बेरोजगारी दर में गिरावट आई है जबकि दिल्ली में बढ़ी है. अप्रैल में यूपी में बेरोजगारी दर मार्च के 4.4 फीसदी से घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई. जबकि इसी दौरान दिल्ली में यह दर 8.9 प्रतिशत से बढ़कर 11.2 प्रतिशत पहुंच गई.