प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा मेरे फ्रेंड नरेंद्र, मेरे खास दोस्त हैं। मेरी गुजरात में शानदार अगवानी की गई। मुझे लगा मेरा चेहरा अमिताभ बच्चन की तरह हर जगह मौजूद है। वहीं आगे ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन नौकरशाही को कम करने और रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी के समय को कम करने के लिए एक भारत विशिष्ट खुला सामान्य निर्यात लाइसेंस बना रहा है।
हमने अपने रिश्ते को हर तरह से किया मजबूत
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि आज हमारी शानदार बातचीत हुई है। हमने अपने रिश्ते को हर तरह से मजबूत किया है। भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी हमारे समय की परिभाषित दोस्ती में से एक है। इसके साथ ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और नियम-आधारित रखने में दोनों देशों का साझा हित है। दोनों देश वायु, अंतरिक्ष और समुद्री खतरों से निपटने के लिए सहमत हुए हैं। हम स्थायी घरेलू ऊर्जा के लिए कदम उठाएंगे। इस यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत किया है।
मेरी बांह पर भी लगा है यहीं का टीका
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के COVID टीकाकरण अभियान की सराहना करते हुए बताया कि मेरी बांह पर भी यहीं का टीका लगा है। यह अच्छे से काम कर रहा है। इसके लिए भारत को बहुत धन्यवाद देता हुं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा मैं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भारत में स्वागत करता हूं। आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा ऐतिहासिक है। पिछले साल हम दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की हुई है। हमने 2030 के रोडमैप को भी लांच किया था। FTA के विषय में दोनों देशों की टीम काम कर रही है और बातचीत में प्रगति हो रही है। हमने इस साल के अंत तक FTA के समापन का निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए किया आमंत्रित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि आज हमने अपनी जलवायु और उर्जा पार्टनरशिप को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम UK को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।
समस्या के समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हमने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल दिया। हमने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान का महत्त्व भी दोहराया है।