मामले की छानबीन में जुटे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू के नाम से एक चिट्ठी हिमाचल प्रदेश के सीएम के नाम पर भेजी गई थी। इसमें शिमला में खालिस्तानी झंडा फहराने की धमकी दी गई थी। इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खालिस्तानी झंडा लगाने वालों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेने की बात कही थी। ठाकुर ने कहा कि हम उन लोगों को पकड़ने की कोशिश करेंगे, जिन्होंने इस हरकत को अंजाम दिया है। मैं हिमाचल प्रदेश के लोगों से भी शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम दोषियों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेंगे। इसके अलावा हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा करेंगे ताकि अराजक तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाई जा सके।
हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं दिन के उजाले में आएंः सीएम
मामले में सीएम जयराम ठाकुर ने खालिस्तानियों को चुनौती देते हुए कहा था कि यदि उनमें हिम्मत है तो रात के अंधेरे में झंडे लगाने की बजाय दिन के उजाले में आएं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्मशाला स्थित जिस विधानसभा भवन में ये झंडे लगाए गए हैं, वहां केवल सर्दियों में ही सत्र का आयोजन होता है। ऐसे में हर समय वहां कड़ी सुरक्षा नहीं होती है। दूसरी ओर इस मामले में जिस Sikhs For Justice नामक संस्था के मुखिया पर केस दर्ज हुआ है वह अमेरिका से संचालित होता है।
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क्या है Sikhs For Justice, कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू
Sikhs For Justice नामक संस्था की शुरुआत 2007 में अमेरिका में हुई थी। इस संगठन का मुख्य एजेंडी पंजाब में अलग से खालिस्तान बनाने का है। इस संगठन के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू है, जो पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री लेने के बाद अमेरिका में सेटल हो चुका है। किसान आंदोलन के दौरान भी यह संस्था चर्चा में आया था। भारत में देशविरोधी गतिविधियों के कारण इस संस्था पर प्रतिबंध लगा हुआ है। पिछले साल इस संस्था ने खालिस्तान के मसले पर जनमत संग्रह के आयोजन की तैयारी की थी। Sikhs For Justice और इसके प्रमुख चेहरा गुरपतवंत सिंह पन्नू पर पंजाब सहित अन्य सिख बाहुल्य इलाकों में खालिस्तानी मूवमेंट को बढ़ावा देने का आरोप है।