‘ट्रंप एक नेक इंसान नहीं’
उन्होंने आगे कहा, “निजी तौर पर, मैं मानता हूं कि डोनाल्ड ट्रंप एक नेक इंसान नहीं हैं। अगर आप मुझसे पूछें कि इसका हमारी राजनीति पर क्या असर पड़ेगा, तो मैं कहूंगा कि अगर आप उनके और कमला हैरिस के चरित्र को देखें, तो कोई शक नहीं कि गलत व्यक्ति को चुना गया है। यह मेरी व्यक्तिगत राय है।” इसके बाद उन्होंने इसी महीने शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से जुड़े विधेयक पास किए जाने की अटकलों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।‘वन नेशन, वन इलेक्शन’
कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं इन मुद्दों को बहुत गहराई से नहीं देख रहा क्योंकि मैं संसद का सदस्य नहीं हूं और मेरी पार्टी ने मुझे एक तरफ कर दिया है। मुझे इन बारीकियों में कोई खास दिलचस्पी नहीं है।” उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार यह दिखाना चाहती है कि वे बिना उनकी सहमति के जो चाहे बदल सकते हैं। यह गलत होगा। उन्होंने कहा, “यह इसलिए गलत है क्योंकि बदलाव का प्रस्ताव उनके हित में होना चाहिए और उनकी सहमति के साथ होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिये उन्हें पता चला है कि वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को जिस तरह से समिति को चलाना चाहिए था, शायद वैसा नहीं हो रहा है। विपक्ष के कई नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलकर इस बारे में शिकायत की है। उन्होंने कहा, “हमें देखना होगा कि बिरला साहब इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “जहां तक ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की बात है, तो मैं इसे पूरी तरह से गलत मानता हूं। इस देश की एकता उसकी विविधताओं में ही है। आरएसएस और संघ परिवार के लोग हमेशा यही कोशिश करते हैं कि विविधता को कम कर एक हिंदू पहचान पर देश की एकता बनाई जाए। मैं विशेष रूप से दक्षिण भारत से हूं, और मुझे यह बिल्कुल नहीं लगता कि हमें हर मामले में एक ही मॉडल अपनाना चाहिए, खासकर वह जो उत्तर भारत में अपनाया गया है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा तमिलनाडु में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी है, और केरल में भी उसके पास सिर्फ एक सीट है।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की बात पर “मैं यह समझता हूं कि यह भी एक बेवकूफी है”। उन्होंने कहा कि हर राज्य के विधानसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी जाते हैं और वोट मांगते हैं, लेकिन वह तो उन राज्यों के नहीं हैं। अगर उन्हें काम करना है, तो वह दिल्ली में बैठकर काम कर सकते हैं। राज्यों में चुनाव अलग-अलग होते हैं, और हर राज्य की राजनीतिक स्थिति भी अलग होती है। तो हमें क्यों यह कहना चाहिए कि पूरे देश में एक ही चुनाव होना चाहिए? उन्होंने कहा, “इतने साल से, 1947 से लेकर अब तक, हमारे जितने भी प्रधानमंत्री रहे हैं, उन्होंने अपने कार्य किए हैं, और जो अलग-अलग चुनाव होते हैं, उन्हें भी सही तरीके से संभाला है। तो मुझे यह समझ में नहीं आता कि एक देश होने के बावजूद हमें एक ही चुनाव क्यों करना चाहिए। हर राज्य की अपनी विशेषताएं हैं और उनके अनुसार चुनाव होने चाहिए।”