भजन पूजन के साथ अवधी ठाट बाट और अवधी खान-पान का मजा
हेरिटेज विलेज थीम्ड होम स्टे योजना के जरिए देश-दुनिया के मेहमान ग्रामीण परिवेश में अवधी ठाठ से रूबरू होंगे तो वहीं यहां की प्रसिद्ध मेहमाननवाजी, रहन-सहन व खानपान का भी लुत्फ उठाने का उन्हें अवसर मिलेगा।
लकड़ी, कोयले की धीमी आंच पर सेंकी गई रोटी, बैलगाड़ी की सवारी समेत ग्रामीण परिवेश और सुविधा संपन्न रिहायशी सुविधाओं का मिला-जुला ताना बाना है, जो वर्तमान सुख-सुविधायुक्त जीवनशैली के संसाधनों के साथ ही सुकूनमय पारंपरिक जीवनशैली की अनुभूति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
हेरिटेज विलेज थीम्ड होम स्टे योजना के जरिए देश-दुनिया के मेहमान ग्रामीण परिवेश में अवधी ठाठ से रूबरू होंगे तो वहीं यहां की प्रसिद्ध मेहमाननवाजी, रहन-सहन व खानपान का भी लुत्फ उठाने का उन्हें अवसर मिलेगा।
लकड़ी, कोयले की धीमी आंच पर सेंकी गई रोटी, बैलगाड़ी की सवारी समेत ग्रामीण परिवेश और सुविधा संपन्न रिहायशी सुविधाओं का मिला-जुला ताना बाना है, जो वर्तमान सुख-सुविधायुक्त जीवनशैली के संसाधनों के साथ ही सुकूनमय पारंपरिक जीवनशैली की अनुभूति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
लकड़ी व कोयले की धीमी आंच पर सेंकी हुई रोटी का मिलेगा जायका
अमूमन शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे अपनी विरासत का दीदार नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण परिवेश से रूबरू होने का आकर्षण उनमें रहता है। इसी के मद्देनजर हेरिटेज विलेज थीम्ड होम स्टे यहां लकड़ी व कोयले की धीमी आंच पर सेंकी गई रोटी मिलती है। यह रोटी जहां उन्हें पौष्टिकता प्रदान करेगी, वहीं बैलगाड़ी की सवारी उनके कौतूहल को शांत करते हुए अतीत से वर्तमान का दीदार भी कराएगी। मॉडर्न इन डिमांड रेसिपीज के साथ स्थानीय जायकों का स्वाद भी परोसा जाएगा।
अमूमन शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे अपनी विरासत का दीदार नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण परिवेश से रूबरू होने का आकर्षण उनमें रहता है। इसी के मद्देनजर हेरिटेज विलेज थीम्ड होम स्टे यहां लकड़ी व कोयले की धीमी आंच पर सेंकी गई रोटी मिलती है। यह रोटी जहां उन्हें पौष्टिकता प्रदान करेगी, वहीं बैलगाड़ी की सवारी उनके कौतूहल को शांत करते हुए अतीत से वर्तमान का दीदार भी कराएगी। मॉडर्न इन डिमांड रेसिपीज के साथ स्थानीय जायकों का स्वाद भी परोसा जाएगा।
दौलतपुर की ‘दौलत’ बनेगी अयोध्या को नई पहचान दिलाने का माध्यम
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की इस योजना को अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जा रहा है। अयोध्या से 12 किमी. दूर सोहावल तहसील के कोला मोइया कपूरपुर के पास दौलतपुर में समदा पक्षी विहार के पास इसे काफी तेजी से विकसित किया जा रहा है। यहां मिट्टी के घरों में गांव की संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की इस योजना को अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जा रहा है। अयोध्या से 12 किमी. दूर सोहावल तहसील के कोला मोइया कपूरपुर के पास दौलतपुर में समदा पक्षी विहार के पास इसे काफी तेजी से विकसित किया जा रहा है। यहां मिट्टी के घरों में गांव की संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा।
ग्रामीण परिवेश के बीच मिट्टी की सोंधी खुशबू रूपी दौलत अयोध्या आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। पर्यटकों के हिसाब से यहां के घरों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। प्राकृतिक चीजों को डिस्प्ले कर दिया है। यहां आम के पेड़ों की छांव के बीच भोजन का भी आनंद अलग ही अनुभूति करा रहा है। यहां का एक दिन का किराया 9500 रुपये है। इसमें दो रूम, लॉन, खेलकूद के साथ ही बच्चों के लिए ट्यूबवेल में नहाने की भी व्यवस्था होगी।
यहां ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देते हुए स्थानीय भोजन के साथ प्राकृतिक वातावरण को संरक्षित किया गया है। यहां मिट्टी के घरों के साथ गांव की संस्कृति से वर्तमान पीढ़ी को अवगत होने का मौका मिलेगा।
18 अन्य संपत्तियों को एडीए ने किया चिह्नित
अयोध्या विकास प्राधिकरण के अफसर अधिकारियों ने बताया कि दौलतपुर में एक प्रॉपर्टी पर यह सुविधाएं शुरू हो गई हैं। अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। इस सुविधा में विस्तार के लिए 18 अन्य प्रॉपर्टी को भी चिह्नित किया गया है, जहां ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले क्रियाकलापों को विकसित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर प्रकार का सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
अयोध्या विकास प्राधिकरण के अफसर अधिकारियों ने बताया कि दौलतपुर में एक प्रॉपर्टी पर यह सुविधाएं शुरू हो गई हैं। अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। इस सुविधा में विस्तार के लिए 18 अन्य प्रॉपर्टी को भी चिह्नित किया गया है, जहां ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले क्रियाकलापों को विकसित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर प्रकार का सहयोग प्रदान किया जा रहा है।