धूल के गुबार से ढका शहर
इसके बाद प्रोजेक्ट की कई भूमिगत गैलरियों से हजारों गैलन पानी निकलना शुरू हो गया। भूस्खलन के दौरान भारी मात्रा में धूल का गुबार उठा जिसने शहर के बड़े हिस्से को ढक लिया। भूस्खलन की आवाज इतनी जोरदार थी कि लोगों को लगा कि जैसे कोई ज्वालामुखी फटा हो। धूल के गुबार ने धनबाद के बैंक मोड़, भूली और गोधर के अलावा शहर के बड़े हिस्से को ढक दिया। घटना के बाद राजापुर प्रोजेक्ट की कोयला खदान में लगे पांच पंप, बिजली की दर्जनों लाइनें तथा एक पुराना वाहन पानी में डूब गया।
पानी का दबाव बढ़ने से हुआ हादसा
गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट में तकनीकी कारणों से बीते दो महीने से कोयले का उत्पादन नहीं किया जा रहा था। यहां पर डेको कंपनी कॉन्ट्रैक्ट पर कोयले का उत्पादन कर रही थी। घटना के बाद बीसीसीएल के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलने पर बस्ताकोला के जीएम अनिल कुमार सिन्हा, एजीएम टी पासवान समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य चल रहा है। प्रथम दृष्टया ये पता चला है कि खदान में भूमिगत पानी का दबाव बढ़ गया था। हाल के दिनों में हुई बारिश से इन भूमिगत सुरंगों पर पानी का दबाव और बढ़ गया था, कमजोर सुरंगें इस दबाव को सहन नहीं कर सकीं और वे टूट गईं जिससे भूस्खलन हुआ। बीसीसीएल की तकनीकी टीम घटना की वजह का पता लगाने में जुटी हुई है।