मंत्री बनने के 27 मिनट के भीतर भरा बिल
अनिल विज ने बताया, “रात 12:05 बजे मुझे व्हाट्सएप पर गजट नोटिफिकेशन मिला, जिसमें बताया गया कि मुझे तीन विभागों का मंत्री नियुक्त किया गया है : परिवहन, बिजली और श्रम। मुझे तुरंत आश्चर्य हुआ कि क्या मेरे विभागों का कोई बकाया तो नहीं है। मैंने ऑनलाइन जांच की और पाया कि इस महीने का मेरा बिजली बिल बकाया है। रात 12:32 बजे मैंने अपना बिजली बिल ऑनलाइन भर दिया। मैंने सोचा कि पहले मुझे अपना बकाया चुकाना चाहिए, नहीं तो मैं दूसरों को कैसे कह सकता हूं कि वे अपना बिल भरें।मैंने CM से कहा था कि मुझे नहीं बनना मंत्री
उन्होंने कहा अगर बिजली के बकाया बिल नहीं भरे जाएंगे तो विभाग कैसे काम करेगा। इसलिए बिल भरना ही होगा।” उन्होंने कहा कि विभाग के बंटवारे का फैसला मुख्यमंत्री के हाथ में होता है। हमें जहां भी मौका मिला है, वहां से चौके-छक्के लगाने का काम करेंगे। मैंने तो मुख्यमंत्री से कहा था कि मुझे मंत्री नहीं बनना है। जब सरकार ही पूरी अपनी है तो काम तो पूरे प्रदेश के लिए करना है। अनिल विज ने कहा, “मैंने बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सड़कों के बीच में बिजली के खंभे नहीं होने चाहिए। बिजली की तार कहीं भी दिखाई नहीं देनी चाहिए। जहां भी मरम्मत की जरूरत है वहां मरम्मत की जानी चाहिए।” बता दें कि अनिल विज इससे पहले मनोहर लाल की सरकार में गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। माना जा रहा था कि नायब सैनी की सरकार में उन्हें फिर से गृह विभाग दिया जा सकता है। लेकिन, उन्हें नए विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। गृह विभाग मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा है।