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स्पैम कॉल करने वालों की आई शामत, कटेगा कनेक्शन, 2 साल के लिए होंगे ब्लैकलिस्ट, TRAI की चेतावनी

Spam Calls New Rules: टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह उन कंपनियों के नंबरों को तुरंत काट दें, जो स्पैम कॉल्स (Fake Calls) के लिए बल्क कनेक्शन का इस्तेमाल कर रही हैं।

नई दिल्लीAug 10, 2024 / 07:28 am

Akash Sharma

TRAI on Spam Call

Spam Calls New Rules: स्पैम कॉल करने वालों की अब खैर नहीं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह उन कंपनियों के नंबरों को तुरंत काट दें, जो स्पैम कॉल्स (Fake Calls) के लिए बल्क कनेक्शन का इस्तेमाल कर रही हैं। अब किसी भी नंबर से स्पैम कॉल करने पर नंबर तुरंत काट दिया जाएगा। ट्राई ने टेलीकॉम सर्विस प्रोइवडर्स को ऐसी कंपनियों को दो साल के लिए ब्लैक लिस्टेड या बैन करने के भी आदेश दिए। नए नियम एक सितंबर से लागू किए जाएंगे।

TRAI ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ की मीटिंग

ट्राई ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSP) के साथ बैठक में कहा कि स्पैम कॉल उपभोक्ताओं के लिए लगातार परेशानी का सबब बना हुआ है। इन पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। ट्राई ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को मैसेज फ्लो का पता लगाने की क्षमता सुनिश्चित करने वाला सिस्टम लागू करने के लिए 31 अक्टूबर, 2024 तक की समय-सीमा दी है। ट्राई ने स्पष्ट किया कि वह स्पैम कॉल को बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में टेलीकॉम ऑपरेटर्स को सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। ट्राई के चेयरमैन अनिल लाहोटी ने एक दिन पहले ही कहा था कि ट्राई स्पैम कॉल पर अंकुश लगाने के लिए नियमों की समीक्षा करेगा और उन्हें मजबूत करेगा।

दो साल तक नहीं मिलेगा कोई नया कनेक्शन

ट्राई ने कहा कि जिस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उसकी जानकारी सभी टेलीकॉम कंपनियों को दी जाएगी। टेलीकॉम कंपनियां उस कंपनी के सभी कनेक्शन काट देंगी और उसे दो साल तक ब्लॉक कर देंगी। इस दौरान किसी भी टेलीकॉम कंपनी से उस कंपनी को नया कनेक्शन नहीं दिया जाएगा।

राजस्थान सहित चार राज्यों में मोबाइल कनेक्टिविटी की ऑडिट

मोबाइल उपभोक्ता कॉल ड्रॉप, कनेक्टिविटी, डेटा स्पीड, कवरेज एरिया की समस्या से लगातार जूझ रहे हैं। इसका पता लगाने के लिए अब थर्ड पार्टी ‘ऑडिट’ की जाएगी। इसमें कॉल ड्रॉप, कवरेज एरिया, डाउनलोड-अपलोडिंग स्पीड के साथ क्वाालिटी सर्विस के हर पहलू की जांच होगी। ट्राई ने इस ड्राइव टेस्ट के लिए ऑडिट के आदेश दे दिए हैं। इस पर सितंबर से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब के चुनिंदा शहरों में काम शुरू हो जाएगा। ड्राइव टेस्ट में न तो मोबाइल ऑपरेटर्स के प्रतिनिधि रहेंगे और न ही उनके टेस्टिंग उपकरण काम में लिए जाएंगे। वर्ष 2018 से ऑपरेटरों के साथ टेस्टिंग होती रही है और कई बार टेस्ट रिपोर्ट पर सवाल उठते रहे हैं। चारों राज्यों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी ट्राई के जयपुर में बैठे अफसरों के पास होगी।
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