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भारत में साल 2021 की 10 सबसे उल्लेखनीय घटनाएं

देश में वर्ष 2021 में कई ऐसी घटनाएं हुईं जो लोगों के जहन में अपनी गहरी छाप छोड़ गईं। कुछ अच्छी तो कुछ बुरी मिलीजुली यादों के सहारे कोरोना से जंग के बीच ये साल भी लगभग बीत चुका है। किसान आंदोलन से लेकर ओलंपिक में गोल्ड मेडल तक कई ऐसी घटनाएं रहीं जिनका देश गवाह बना।

Dec 29, 2021 / 06:11 pm

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। साल 2021 कुछ ही दिनों में अलविदा ( Good By 2021 ) कहने जा रहा है। भारत के लिहाज से ये वर्ष मिला जुला रहा। कहीं खुशी तो कहीं गम से जुड़ी घटनाओं से देशवासियों का सामना हुआ। राजनीति की दृष्टि से भी ये साल खास रहा पश्चिम बंगाल में बीजेपी को करारी शिकस्त देकर ममता बनर्जी ने एक बार फिर अपनी सरकार बनाई। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लेकर किसान आंदोलन के अंत तक, ओलंपिक में गोल्ड से लेकर मिस यूनिवर्स के ताज तक की प्रमुख घटनाएं जिनका देश गवाह बना।
देश में वर्ष 2021 में कई ऐसी घटनाएं हुईं जो लोगों के जहन में अपनी गहरी छाप छोड़ गईं। कुछ अच्छी तो कुछ बुरी मिलीजुली यादों के सहारे कोरोना से जंग के बीच ये साल भी लगभग बीत चुका है। आईए जानते हैं इस वर्ष की 10 उल्लेखनीय घटनाएं।

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1. किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी की हिंसा

कृषि सुधारों का विरोध करने वाले हजारों भारतीय किसानों ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकाला। ये मार्च के साथ हजारों किसान बैरीकेड्स तोड़ते हुए ऐतिहासिक लाल किले पर चढ़ गए। इस दौरान पुलिस के साथ जमकर संघर्ष भी हुआ। प्रदर्शनकारियों ने ऐतिहासिक स्मारक की दीवारों पर चढ़ाई की और भारत के राष्ट्रीय ध्वज के बगल में एक बैनर लहरा दिया। 17 सरकारी कारों को नष्ट कर दिया गया। इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के तौर पर देखा गया।
2. बंगाल चुनाव और हिंसा

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की शिकस्त इस साल की सबसे प्रमुख राजनीतिक घटना कही जा सकती है। हालांकि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई। विपक्ष ने इस हिंसा के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया। जबकि टीएमसी ने इसे विपक्ष की साजिश बताया। बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने में विफल रहने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की थी।
3. कोरोना से जंग के बीच ऑक्सीजन संकट

देश के लिए स्वास्थ्य के लिहाज से बीते कई दशकों में ये दौर सबसे चुनौती भरा रहा। जब कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने देश में जमकर कहर मचाया। इस दौरान देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल तो खुली ही, ऑक्सीजन के संकट के कई लोगों की जान भी चली गई। रेमडेसिविर जैसी दवाओं की किल्लत ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। हालांकि केंद्र ने दावा किया है कि दूसरी COVID-19 लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है।
4. पेंडोरा पेपर्स लीक मामला

‘पेंडोरा पेपर्स’ लीक मामला भी इस वर्ष देश की प्रमुख घटनाओं में गिना जा सकता है। इन पेपर में 300 भारतीय लोगों के नाम शामिल थे, जिनमें 60 लोग ज्यादा खास थे। इनमें सचिन तेंदुलकर, अनिल अंबानी, नीरव मोदी, जैकी श्रॉफ, अजीत केरकर और किरण मजूमदार-शॉ जैसे चेहरे शामिल हैं। दरअसल तीन अक्टूबर को दुनिया भर में पत्रकारीय साझेदारी द्वारा लीक हुए लाखों दस्तावेजों को ”पेंडोरा पेपर्स” कहा गया। इस में भारत समेत 91 देशों में वर्तमान और पूर्व विश्व नेताओं, राजनेताओं और सार्वजनिक अधिकारियों के वित्तीय रहस्यों का खुलासा करने का दावा था।
5. टाटा को 7 दशक बात मिला एयर इंडिया

टाटा संस को करीब सात दशक बाद एयर इंडिया का स्वामित्व मिला। टाटा संस ने 2021 में एयर इंडिया की बोली जीती, जिस एयरलाइन की स्थापना उसने लगभग 90 साल पहले की थी। सरकार ने एयर इंडिया के लिए टाटा की तरफ से 18,000 करोड़ रुपए की बोली स्वीकार कर, टाटा को कंपनी का 100 फीसदी अधिग्रहण दे दिया। एयर इंडिया की स्थापना 1932 में जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा ने की थी।
6. लखीमपुर खीरी हिंसा

अक्टूबर के महीने एक और हिंसा का मामला सामने आया जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। यूपी के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर एक थार गाड़ी चढ़ा दी गई। इसमें चार किसानों की मौत हो गई। इस हिंसा में कुल 8 लोग मारे गए। इस कांड में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया है। आशीष मिश्रा ने हाल में कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई टाल दी गई।
7. 100 करोड़ कोविड वैक्सीन का रिकॉर्ड

21 अक्टूबर 2021 भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन था। कोरोना से जंग में देश ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज दिए जाने का रिकॉर्ड कायम किया। इससे पहले पीएम मोदी के जन्मदिन पर रिकॉर्ड 2 करोड़ से अधिक लोगों को एक दिन में कोरोना के टीके लगाए गए थे।
8. ओलंपिक में भारत को गोल्ड

स्पोर्ट्स के लिहाज ये वर्ष ऐतिहासिक रहा। ओलंपिक में भारत ने गोल्ड पर कब्जा जमाने के साथ ही इस बार सबसे ज्यादा मेडल भी जीते। टोक्यो में हुए ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में नीरज चौपड़ा ने इतिहास रचते हुए जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता, जबकि 2 रजत और 4 कांस्य पदक भी भारत की झोली में आए। वहीं भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद हॉकी में मेडल हासिल किया।

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9. किसान आंदोलन की वापसी


तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुआ किसान आंदोलन भी इस वर्ष खत्म हुआ। करीब 13 महीने बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस किसानों की मांगों को मानकर आंदोलन खत्म करने की अपील की। 378 दिन तक ये आंदोलन चला। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद संतुष्ट होकर 11 दिसंबर को किसानों ने घर लौटना शुरू कर दिया। इस दिन किसान विजय दिवस के रूप में मनाया।
10. मिस यूनिवर्स का ताज

हरनाज सिंधू ने भारत के लिए एक और खुशी का पल संजोया। भारत को करीब दो दशक बाद मिस यूनिवर्स का खिताब मिला है। ये प्रतियोगिता इजराइल में हुई थी। इसकी प्रीलिमिनरी स्टेज में 79 से अधिक कंटेस्टेंट्स ने हिस्सा लिया था। 21 साल की हरनाज ने पैराग्वे की नाडिया फेरीरा और दक्षिण अफ्रीका की लालेला मस्वाने को पीछे छोड़कर ये ताज अपने नाम किया। 1994 में सुष्मिता सेन वर्ष 2000 में लारा दत्ता ने भी देश के लिए मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था।

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