सुरक्षाबलों पर हमले का खतरा
बताया गया कि बीते कुछ दिनों से सुरक्षा एजेंसियां जिस तरह से नक्सलियों पर नकेल कस रही हैं। उसके बाद से नक्सली सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि 11 नवंबर को झारखंड में शीर्ष नक्सली नेता किशन बोस की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद शनिवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 26 चरमपंथी मारे गए। इसके चलते नक्सली बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों पर जवाबी हमला कर सकते हैं।
इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद नक्सल प्रभावित राज्यों में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं गश्त करते समय या किसी भी क्षेत्र में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को अत्यधिक सतर्कता बरतने के साथ मानक संचालन प्रक्रियाओं यानी एसओपी का पालन करने के लिए अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही गश्त के दौरान भी केंद्रीय बलों को स्थानीय पुलिस के जवानों को साथ ले जाने का निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि मौजूदा दौर में भारत के कई राज्य नक्सल प्रभावित हैं। वहीं बीजेपी का दावा है कि उसने कई राज्यों से नक्सल को काफी हद तक कम किय है। फिलहाल ऐसे राज्यों में सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सशस्त्र सीमा बल की बटालियन तैनात हैं। इन सभी सुरक्षाबलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही राज्यों की पुलिस के साथ खुफिया नेटवर्क को भी मजबूत करने का सुझाव दिया गया है।