scriptराहुल गांधी की OBC टिप्पणी पर किरण रिजिजू का तंज, बोले- क्या वह भोले हैं या मूर्ख हैं? | Then Rahul Gandhi's question regarding OBC, Union Minister Kiran Rijiju gave a befitting reply | Patrika News
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राहुल गांधी की OBC टिप्पणी पर किरण रिजिजू का तंज, बोले- क्या वह भोले हैं या मूर्ख हैं?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ओबीसी लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा सांसद और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल को करारा जवाब दिया है।

Feb 19, 2024 / 03:37 pm

Shaitan Prajapat

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कर रहे है। न्याय यात्रा लेकर यूपी की अमेठी पहुंचे राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय को लेकर एक बार फिर बयान दिया। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे बताओ कि हाई कोर्ट में कितने दलित, आदिवासी और पिछड़े लोग हैं? इसके साथ उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा, आपके पास साहस नहीं है, आप सभी सो रहे हैं। देशभर के हाई कोर्ट में 650 के करीब न्यायाधीश हैं और आपकी जनसंख्या 73 प्रतिशत है। मुझे बताओ नौकरशाहों में आपके कितने लोग हैं? राहुल गांधी के इस बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने करार जवाब दिया है।


ओबीसी को लेकर राहुल फिर उठाया सवाल

राहुल गांधी ने ऐसा ही बयान ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान प्रयागराज में भी दिया और वह देश की 73 प्रतिशत आबादी को जातिगत जनगणना कराकर उनका हक दिलाने का वादा करते नजर आए थे। खासकर ओबीसी समुदाय को लेकर वह लगातार अपनी यात्राओं में बोल रहे हैं। बता दें कि राहुल गांधी पीएम मोदी के ओबीसी होने पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं। तब, सरकार की तरफ से उन्हें जवाब दिया गया था।

किरण रिजिजू ने राहुल को दिया करारा जवाब

राहुल गांधी के सवाल पर अरुणाचल प्रदेश से भाजपा सांसद और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने जवाब दिया है। किरण रिजिजू ने जवाब देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आज राहुल गांधी ने फिर कहा कि भारत सरकार में केवल 3 ओबीसी सचिव हैं और ओबीसी न्यायाधीश नगण्य हैं। क्या वह भोले हैं या मूर्ख हैं?

कांग्रेस ने एससी/एसटी/ओबीसी के लिए क्या किया

केंद्रीय मंत्री लिखा कि एक नया आईएएस अधिकारी सीधे सचिव नहीं बन सकता और एक नया वकील सीधे उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नहीं बन सकता। अभी सचिवों का वर्तमान बैच आम तौर पर 1992 बैचों से संबंधित है या उससे पहले का है। उस समय, एससी और एसटी के लिए आरक्षित श्रेणियां थीं, लेकिन ओबीसी के लिए नहीं। अखिल भारतीय सेवा (एआईएस) में ओबीसी वर्गीकरण न्यायालय के फैसले के बाद 1995 के बाद आया। जो कोई भी देश में सेवा और सेवा की प्रगति को समझता है वह जानता है कि वरिष्ठता प्राप्त करने में बैच प्रणाली कैसे काम करती है। क्या कांग्रेस पार्टी ने अपने समय में अधिक ओबीसी/एससी/एसटी आईएएस अधिकारियों और एससी/एसटी/ओबीसी न्यायाधीशों को बढ़ावा देने के लिए कुछ किया है?

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