गौरतलब है कि उडुपी जिले के प्राचार्य बीजी रामकृष्ण फरवरी 2022 में विवाद के केन्द्र में तब आए थे, जब हिजाब पहनकर कॉलेज आने वाली मुस्लिम छात्राओं के परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य की भाजपा सरकार ने इसके बाद शिक्षा परिसरों के अंदर हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि कोई भी कपड़ा जो समानता, अखंडता और कानून व्यवस्था को परेशान करेगा उसको अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रतिबंधित PFI की राजनीतिक शाखा ने जताया था ऐतराज
प्राचार्य को पुरस्कार देने पर गृह मंत्रालय से प्रतिबंधित PFI की राजनीतिक शाखा SDPI ने ऐतराज जताया था। कर्नाटक महासचिव अफसर कोडलिपेट ने कहा है कि दो साल पहले हिजाब पहनने से मुस्लिम छात्राओं को गेट पर रोक दिया और हिंदू छात्रों को भड़काया,राज्य में सांप्रदायिक अशांति फैली। SDPI ने कहा कि प्राचार्य बीजी रामकृष्ण सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल थे। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार अब उन्हें राज्य स्तरीय सम्मान दे रही है। इसके बात की जानकारी मिलते ही कांग्रेस सरकार सक्रिय हो गई।