राष्ट्रीय

Supreme Court ने हाईकोर्टों की रवैये पर दिखाई सख्ती, कहा – जमानत पर सुनवाई में एक दिन की देरी भी मूल अधिकार का उल्लंघन

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका की सुनवाई में एक दिन की भी देरी को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना है।

नई दिल्लीNov 09, 2024 / 11:26 am

स्वतंत्र मिश्र

supreme court

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट की दो अलग-अलग बेंचों ने शुक्रवार को जमानत अर्जियों पर सुनवाई के मामले में सख्ती दिखाते हुए हाईकोर्टों के रवैये की आलोचना की। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने एक जमानत याचिका के एक साल से अधिक समय तक लंबित रहने पर अफसोस जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की आलोचना की।

सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट की हो रही थी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि जमानत के मामलों की सुनवाई में एक दिन की भी देरी आरोपी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। याचिकाकर्ता ने अपने जमानत आवेदन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बार-बार स्थगन को चुनौती दी थी। उसकी आपत्ति थी कि अगस्त 2023 से आवेदन लंबित है। बेंच ने जमानत याचिकाओं के एक वर्ष से अधिक समय तक लंबित रहने की प्रथा पर असंतोष व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट को इस मामले को सूचीबद्ध होने पर शीघ्रता से निपटारा करने का निर्देश दिया।

सुनवाई नहीं होने पर आरोपी को होती है दिक्कत

एक अन्य मामले में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एजे मसीह की बेंच ने हाईकोर्टों की ओर से जमानत देने से इनकार करने और आरोपियों को सांत्वना देने के लिए निचली अदालतों को मुकदमे की सुनवाई में तेजी लाने के निर्देश दिए जाने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई। बेंच ने इस स्थिति को चौंकाने वाला बताया और कहा कि अदालतों की इस प्रवृत्ति के कारण आरोपी को लंबे समय तक हिरासत में रहना पड़ता है।

यह भी पढ़ें CM पिनाराई विजयन ने Priyanka Gandhi पर लगाया आरोप, कहा, वह जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से लड़ रही हैं Wayanad by election

संबंधित विषय:

Hindi News / National News / Supreme Court ने हाईकोर्टों की रवैये पर दिखाई सख्ती, कहा – जमानत पर सुनवाई में एक दिन की देरी भी मूल अधिकार का उल्लंघन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.