राज्यपाल राज्य में संवैधानिक ढांचे के पतन पर कोई बयान क्यों नहीं दे रहे: गंगोपाध्याय
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पूछा कि राज्यपाल राज्य में संवैधानिक ढांचे के पतन पर कोई बयान क्यों नहीं दे रहे हैं। उन्होंने इस मामले में राज्य पुलिस की भूमिका के बारे में भी पूछताछ की। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सवाल किया, ”क्या राज्य पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे? अगर जांच अधिकारियों पर ही हमला हो तो उचित जांच कैसे हो सकती है?”
क्या वे हथियार नहीं रखते? क्या वे उनका उपयोग नहीं कर सकते थे?
अदालत में मौजूद डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को भी न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के सवाल का सामना करना पड़ा। न्यायमूर्ति ने कहा कि आपके लोगों को पीटा गया। क्या वे हथियार नहीं रखते? क्या वे उनका उपयोग नहीं कर सकते थे? यदि आपके दो अधिकारी घायल हो गए, तो, 200 कर्मचारी भेजे। इस तरह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ऐसी टिप्पणी करके अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहे हैं।
उनकी टिप्पणियां बेहद आपत्तिजनक हैं। वह जिस कुर्सी पर बैठे हैं, उसका अपमान कर रहे हैं। उन्हें नौकरी छोड़कर राजनीति में आना चाहिए। उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा चेतावनी दी जानी चाहिए। इस बीच, संदेशखाली में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। साजहान के समर्थकों ने शुक्रवार सुबह ही केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में अपना विरोध जारी रखा है।