सियासत हुई तेज
असम विधानसभा में जुमे की नमाज के लिए मिलने वाले ब्रेक को खत्म करने पर देश में सियासी भूचाल मच गया है। बता दें कि इस पर नेताओं की प्रतिक्रिया भी आना शुरू हो गई है। एनडीए (NDA) के घटक दल जेडीयू ने इस फैसले को संविधान की भावना का उल्लंघन बताया है। वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव, AIMIM और समाजवादी पार्टी ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है।
तेजस्वी यादव ने साधा निशाना
राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस फैसले को लेकर एक्स पर लिखा कि असम के सीएम सस्ती लोकप्रियता हासिल करने एवं योगी का चाइनीज वर्जन बनने के प्रयास में जानबुझकर मुसलमानों को परेशान करने वाले कृत्य करते रहते हैं। BJP के लोगों ने नफरत फैलाने, मोदी-शाह का ध्यान आकृष्ट करने एवं समाज में ध्रुवीकरण करने के लिए मुसलमान भाइयों को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है। देश की आजादी में RSS छोड़ सभी धर्मों के लोगों का हाथ है।
JDU ने फैसले का किया विरोध
वहीं जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इस फैसले पर बोलते हुए कहा कि असम सरकार (Assam Government) का यह फैसला निश्चित रूप से देश के संविधान की मूल प्रस्तावना के खिलाफ है। हर किसी को अपनी धार्मिक मान्याताएं और परंपराओं को जीवंत रखने का अधिकार है।
सपा नेता ने किया विरोध
समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन (ST Hasan) ने भी असम सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा जब भी बोलते है विष उगलते हैं और समाज में जहर फैलाते हैं। उनकी सारी सियासत मुस्लिम विरोध पर ही टिकी हुई है।
सीएम फैसले को बता रहे सही
बता दें कि जुमे की नमाज के लिए मिलने वाले ब्रेक को खत्म करने के फैसले को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा (Himanta Biswa Sarma) सही बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूल कमेटी की मीटिंग के बाद हिंदू और मुस्लिम विधायकों ने यह फैसला लिया है कि जुमे की नमाज के लिए मिलने वाले ब्रेक की कोई जरूरत नहीं है। इन दो घंटों में अब ब्रेक की जगह काम किया जाएगा। यह 1937 में शुरू हुई थी जिसे अब बंद कर दिया गया है।