अंडमान पुलिस ने किया खुलासा
अंडमान पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि ड्रग्स की यह खेप भारतीय जल क्षेत्र में तस्करों द्वारा लाई गई थी, और इसके लिए उन्होंने स्टारलिंक के उपग्रह इंटरनेट तकनीक का उपयोग किया था, ताकि उनका संपर्क और गतिविधियां ट्रैक से बाहर रह सकें। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अब वे स्टारलिंक से इस बारे में पूरा विवरण प्राप्त करने की योजना बना रही हैं, ताकि तस्करों के नेटवर्क और उनकी गतिविधियों का पूरी तरह से पता लगाया जा सके।
क्या बोले पुलिस अधिकारी
अंडमान द्वीप समूह के पुलिस अधिकारी हरगोबिंदर एस. धालीवाल ने बताया कि ड्रग्स तस्करों में भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश के लिए स्टारलिंक के उपकरण का इस्तेमाल किया है। भारत में लॉन्च करने की योजना बना रही स्टारलिंक दावा करती है कि वह अंतरराष्ट्रीय जल में कवरेज प्रदान करती है और क्षेत्रीय जल में उसका कवरेज सरकारी मंजूरी पर निर्भर है।
इतनी ड्रग्स हुई बरामद
इस बड़े ऑपरेशन में अंडमान निकोबार पुलिस ने पिछले हफ्ते 360 अरब रुपये मूल्य की ड्रग्स के साथ छह म्यांमार नागरिकों को गिरफ्तार किया। इन तस्करों ने भारत में ड्रग्स की बड़ी खेप पहुंचाई थी, जो देश की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में उभरी। पुलिस अब मामले की गहरी जांच कर रही है और तस्करी के इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों को पकड़ने के लिए काम कर रही है।
भारत ने स्टारलिंक के सामने रखी शर्त
केंद्र सरकार ने लंबे समय से भारत में लॉन्च की फिराक में जुटी स्टारलिंक के सामने शर्त रखी है कि उसकी डील पर मुहर तभी लगेगी जब वह भारतीय कानून का पालन करने का वादा करे। ऐसे में इस मामले की जांच से स्टारलिंक की कवायद को झटका लग सकता है। स्टारलिंक बीते कई महीनों से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए लॉबिंग कर रही है।